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योगी सरकार में महिला व बाल अपराधों में अपराधियों को ऐसी सजा मिली जो नजीर बने, देखिए आँकड़े
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के निर्देश पर आज योजना भवन में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से गृह एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मंडल, जोन, रेंज तथा जिला व पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अघिकारियों से वार्ता कर प्रदेश की कानून-व्यवस्था की और बंेहतरी तथा अपराधो पर प्रभावी नियंत्रण में अब तक हुई कार्यवाही की सघन समीक्षा की गईं।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वह आगामी 14 मई को प्रस्तावित राष्ट्रªीय लोक अदालत में पिछली लोक अदालत की अपेक्षा दो गुना वादों को सुलह समझौते के आधार पर निपटाने की दिशा में गंभीरता से प्रयास करे। यह भी उल्लेखनीय है कि पिछली सभी लोक अदालतों में उत्तर प्रदेश वादों के निस्तारण में देश में प्रथम स्थान पर रहा है।
महिला व बाल अपराधों में प्रभावी कार्यवाही के साथ साथ इन अपराधों में लिप्त अपराधियों को प्रभावी पैरवी कर शीघ्र से शीघ्र अधिकतम ऐसी सजा दिलाने का प्रयास किया जाये जो नजीर बने तथा लोगो में इन अपराधो के प्रति कड़ी सजा का खौफ हो। पास्कों एक्ट में जनपद स्तर पर प्रभावी पैरवी कर अधिकतम सजा दिलाने की दिशा में हुई कार्यवाही की नियमित समीक्षा किये जाने के निर्देश अभियोजन विभाग को दिये गये है। उल्लेखनीय है कि पास्कों के 190 मामलों में माह अप्रैल में सजा करायी गयी। महिला अपराध में 135 मामलों मंे 182 अभियुक्तों को सजा कराय गयी। आयुध अधिनियम में 344 मामलों मे सजा करायी गयी।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने यह भी निर्देशित किया है कि जिला स्तर पर मानीटरिंग कमेटी की बैठके नियमित रूप से करते हुये उनमें अपराधियों को अधिकतम सजा दिलाये जाने के प्रयासों की गहन समीक्षा की जाय। उन्होंने यह भी कहा कि चिन्हित माफियाओं व अपराधियांे के विरूद्व प्रभावी तरीके से अभियान चलाकर कार्यवाही की जाये। साथ ही साथ उनके खिलाफ न्यायालय में चल रहे अभियोगों में अतिशीघ्र चार्जशीट की कार्यवाही पूर्ण कराते हुये अधिकतम सजा दिलाये जाने का प्रयास किया जाय।
अवनीश अवस्थी ने जनपदों के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वह अपने फील्ड विजिट की संख्या को और बढ़ाये तथा थाना व ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं जाकर सही स्थिति का आकलन करे और एस0ओ0पी0 बनाकर पारदर्शी तरीके से कार्यवाही कराना सुनिश्चित करे। सोशल मीडिया पर नजर रखते हुये रिस्पांस टाइम को और अधिक बेहतर करने के निर्देश दिये गये है।
अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि पुलिस के सराहनीय प्रयासों के कारण ही प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति और अधिक बेहतर हुई तथा अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि शासन स्तर से चिन्हित 50 माफियाओं पर हुई कार्यवाही की शासन व पुलिस मुख्यालय स्तर पर सघन समीक्षा की जा रही है तथा इस संबंध में प्रभावी प्रयास कर बेहतर परिणाम शीघ्र प्रस्तुत किये जाय।
माफियाओं व कुख्यात अपराधियों पर न्यायालयों में चल रहें मुकदमों में वीडियों कान्फ्रेन्सिंग से पेशी कराये जाने तथा पुलिस अधिकारियों की न्यायालयो में उपस्थिति भी वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सुझाव दिया गया जिसपर शासन द्वारा गंभीरता से विचार किया जायेगा।
इस अवसर पर सचिव, गृह तरूण गाबा, अपर पुलिस महानिदेशक, कानून-व्यवस्था प्रशान्त कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन आशुतोष पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एम0के0 बशाल के अलावा गृह विभाग के विशेष सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।