- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- लखनऊ
- /
- कोविड-19 के बढ़ते हुए...
कोविड-19 के बढ़ते हुए संक्रमण को देख सर्विलेंस गतिविधियों के लिए यूपी सरकार ने विस्तृत दिशा-निर्देश किया जारी
लखनऊ। कोविड-19 के बढ़ते हुए संक्रमण के दृष्टिगत सर्विलेंस गतिविधियों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं। उक्त जानकारी देते हुये मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि कोविड-19 का संक्रमण पुनः बढ़ रहा है, इसलिए यह आवश्यक हो गया है कि कोविड-19 से संक्रमित रोगियों, सम्पर्कों की सतत्, गहन निगरानी की जाये। निगरानी के लिए जिला सर्विलेंस अधिकारी (डीएसओ) द्वारा प्रतिदिन धनात्मक कोविड-19 केसेज की जानकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को उपलब्ध करायी जायेगी जो कंटेनमेंट जोन में सर्विलेंस की गतिविधियों का संचालन के लिए नोडल अधिकारी होंगे। इसके अतिरिक्त कंटेनमेंट जोन के सर्वेक्षण हेतु प्रत्येक धनात्मक कोविड-19 केस को केन्द्र मानते हुए 25 मीटर रेडियस के क्षेत्र को और एक से अधिक केस के लिए 50 मीटर के रेडियस के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाया जायेगा।
प्रदेश के वर्तमान औसत जनसंख्या घनत्व के अनुसार 25 मीटर रेडियस के क्षेत्र में लगभग 20 घर होंगे एवं 50 मीटर के रेडियस में लगभग 60 घर आएंगे (यह आंकलन नगरीय क्षेत्रों के लिए है तथा इसमें जनपद एवं क्षेत्रवार अंतर संभव है)। कोविड-19 का एकल धनात्मक रोगी पाए जाने वाले दो कन्टेनमेंट जोन में स्थित घरों को आच्छादित करने के लिए एक टीम लगाई जाएगी। इस क्षेत्र में एक से अधिक कोविड-19 पाॅजिटिव केस होने पर एक क्लस्टर मानते हुए, क्लस्टर के मध्य बिंदु को एपीसेंटर चिन्हित करते हुए 50 मीटर के रेडियस के क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा तथा ऐसे प्रत्येक कन्टेनमेंट जोन में स्थित घरों को आच्छादित करने के लिए एक टीम लगाई जाएगी। प्रत्येक टीम अपने क्षेत्र के घरों का भ्रमण कर अपने कार्यों की रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र पर अंकित करेगी।
प्रत्येक टीम में स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय (शहरी क्षेत्र) अथवा ग्राम विकास/पंचायती राज (ग्रामीण क्षेत्र) तथा स्थानीय प्रशासन में से एक सदस्य (कुल 3) होंगे। कंटेनमेंट जोन का निर्धारण तथा गतिविधि हेतु कार्ययोजना बनाते समय पल्स पोलियो अभियान की ही भांति गतिविधि के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु का चिन्हीकरण करते हुए कार्य सम्पादित किया जाएगा। प्रत्येक टीम के सदस्य अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर जनसामान्य को कोविड रोग से बचाव तथा लक्षणों के विषय में संवेदीकरण करेंगे। साथ ही खांसी, जुखाम, बुखार, सांस लेने में परेशानी आदि लक्षण वाले रोगियों को चिन्हित कर, ऐसे रोगियों का नाम, पूर्ण पता, मोबाइल नंबर तथा लक्षणांे का विवरण अपने प्रपत्र पर अंकित करेंगे।
प्रत्येक पांच टीमों पर एक सुपरवाइजर चिन्हित किया जाएगा जो अपने अधीन पांचों टीम का कार्य समाप्त होने के उपरान्त, समस्त सूचनाओं का संकलन कर, जिला सर्विलेंस अधिकारी को अपरान्ह् में उपलब्ध कराएगा जो जनपद की सूचना को संकलित कर राज्य मुख्यालय को उपलब्ध कराएंगे। कंटेनमेंट जोन में कोविड-19 लक्षण युक्त पाए गए सभी व्यक्तियों की जांच हेतु नमूना संकलित कर सम्बंधित प्रयोगशाला को प्रेषित किए जाने का उत्तरदायित्व सैंपल कलेक्शन टीम के नोडल का होगा। यदि कोई नोडल अधिकारी चिन्हित नहीं है तो ऐसी स्थिति में उक्त दायित्व जिला सर्विलांस अधिकारी का होगा।
पूर्व में यदि एक कोविड-19 पाॅजिटिव केस संसूचित होने के कारण कोई भी कंटेनमेंट जोन बनाया गया है और उसी क्षेत्र में पुनः एक अथवा अधिक कोविड-19 केस पुनः संसूचित होते हैं तो ऐसे क्षेत्र को क्लस्टर मानते हुए वहां पर 50 मीटर के रेडियस में लगभग 60 आवासों का सर्वेक्षण टीम द्वारा किया जाएगा (इन 60 घरों में वे घर 20 घर भी सम्मिलित होंगे जिसका पूर्व में सर्वेक्षण किया गया है)। इस हेतु क्षेत्र में पाए गए सभी केसेज की भौगोलिक स्थिति के केन्द्र बिंदु को एपीसेंटर के रूप में चिन्हित किया जाएगा तथा एपीसेंटर से 50 मीटर के रेडियस में 40 पूर्व में अनाच्छादित आवास आच्छादित करने होंगे।
किसी बहुमंजिला भवन में एक कोविड धनात्मक केस संसूचित होने की स्थिति में भवन के जिस तल पर उस केस का आवास हो उस तल को कंटेनमेंट जोन के रूप में चिन्हित करते हुए तथा किसी बहुमंजिला भवन में एक से अधिक कोविड धनात्मक केस संसूचित होने की स्थिति में संबंधित टावर को कंटेनमेंट जोन के रूप में चिन्हित करते हुए उपर्युक्तानुसार संवेदीकरण तथा संदिग्ध रोगियों के चिन्हीकरण की कार्यवाही की जाएगी। ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन मुख्य चिकित्साधिकारी की सलाह के अनुसार आवश्यक निर्णय ले सकता है। कंटेनमेंट जोन में टीम द्वारा चिन्हित किसी भी संभावित रोगी का चिन्हीकरण के उपरान्त 24 घंटे की अवधि में सैंपल कलेक्ट करना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा प्रपत्र पर स्थानीय प्रशासन के सहयोग से जनपद के प्रत्येक सक्रिय धनात्मक केस के सापेक्ष दिशा-निर्देशों के अनुसार कंटेनमेंट जोन को अंकित करते हुए जनपद के कुल विमुक्त एवं सक्रिय कंटेनमंट जोन्स को सूचीबद्ध कर इस सूची को प्रत्येक दिन सांय 6.00 बजे तक अद्यतन कर जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भी उपलब्ध कराया जाए ताकि कंटेनमेंट जोन की संख्या के आंकड़ों में समरूपता की स्थिति रहे। अंकित पाॅजिटिव केस के सैंपल कलेक्शन की तिथि से 14 दिन तक संबंधित क्षेत्र कंटेनमेंट जोन बना रहेगा। यदि अन्तिम पाॅजिटिव केस के सैंपल कलेक्शन की तिथि से 14 दिनों तक कोई अन्य केस उस क्षेत्र में नहीं पाया जाता है तो ऐसे क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन की सूची से बाहर कर दिया जाएगा।
मुख्य सचिव ने सभी पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये हैं कि उक्त दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करायें। यह भी ध्यान रखा जाए कि प्रत्येक दिवस नवीन सूचित केसेज के सापेक्ष कंटेनमेंट गतिविधियां उसी दिन पूर्ण कर ली जाये अन्यथा की स्थिति में आगामी दिवसों में नवीन केस संसूचित होने पर कार्य लम्बित होने की स्थिति उत्पन्न होगी।