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सुरक्षा-रोजगार की व्यवस्था के साथ सुनियोजित विकास के पथ पर बढ़ेगा उप्र: योगी आदित्यनाथ
अरविन्द विद्रोही
उप्र की योगी आदित्यनाथ की सरकार हर तरह की मुसीबत से लड़ कर जीत रही है । कोरोना वायरस के कारण उप्र की विकास की गति पर बड़ा प्रतिकूल असर पड़ता नजर आ रहा था। लॉक डाउन के कारण अचानक सामान्य गतिविधियाँ बंद हुईं जो जीवन रक्षा के लिए जरूरी था। ऐसे कठिन समय में उप्र के हर जरूरतमंद,गरीब व्यक्ति को मुफ्त राशन और खाना देने की व्यवस्था उप्र सरकार ने की । उप्र के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कोई भी व्यक्ति भूखा नही रहना चाहिए और सभी के इलाज की व्यवस्था में कोई लापरवाही नही होनी चाहिए । उनके इस निर्देश का पालन शत प्रतिशत हुआ यह प्रसन्नता की बात है । उप्र के तमाम छात्र-छात्रायें कोटा राजस्थान में पढ़ रहे थे जो कि लॉक डाउन की वजह से कोटा में ही फँस गए थे उनको सकुशल स्वास्थ्य परीक्षण करा के वापस उप्र में उनके घर तक लाने का बीड़ा मुख्यमंत्री - उप्र ने लिया और कोटा से छात्र-छात्राओं को वापस घर लाने का यह कार्य भी सफलतापूर्वक संपन्न हुआ ।
कोरोना वायरस के मुसीबत महामारी के दौर में विपक्षी दल खासकर कांग्रेस अपनी गैर जरूरी हरकतों से बाज नही आई । सपा सोशल मीडिया पर सरकार को आरोपित वक्तव्यों के माध्यम से उपस्थिति दर्ज कराती ही रहती है । कोरोना महामारी काल में बसपा आश्चर्यजनक रूप से सकारात्मक तरीके से विपक्ष की भूमिका निभाती दिखने लगी । महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी के सहयोग से शिवसेना की सरकार महाराष्ट्र में जीवन यापन कर रहे अन्य राज्यों खासकर यूपी और बिहार के मेहनतकश लोगों के हितों की रक्षा नही कर सके। महाराष्ट्र सरकार ने ऐसे हालात पैदा किये कि यूपी-बिहार के लोग भयभीत हुए और अपने अपने गृह प्रदेश में वापसी के लिए परेशान हुए ।महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण की भयावह स्थिति बनती चली गई लेकिन शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे (मुख्यमंत्री-महाराष्ट्र ) एक तरह से हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। फिर महाराष्ट्र में रह रहे यूपी के लोग विशेष तौर पर श्रमिकों-मेहनतकश तबके की यूपी घर वापसी शुरू हुई।इसके पहले दिल्ली में भी रह रहे यूपी के लोगों को भ्रमित करके सड़क पर ला दिया गया था ।इस प्रतिकूल परिस्थिति में बड़ी ही जिम्मेदारी से यूपी के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली या फिर महाराष्ट्र से आने वाले यूपी के लोग हों सभी को घर तक ले जाने की व्यवस्था सरकारी कर्मियों की देख रेख में ,चिकित्सा निर्देशों को पूरा करते हुए किया। परिवहन विभाग,स्वास्थ्य विभाग,पुलिस विभाग और जिले के प्रशासनिक अमले के संयुक्त प्रयासों से यह व्यवस्था कारगर हुई । सिर्फ इतना ही नही बल्कि इसके साथ ही दूसरे राज्यों उड़ीसा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के ईंट-भट्ठा श्रमिकों को उनके राज्य में भेजे जाने की व्यवस्था भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है ।
यूपी वापस आये लोगों के विषय में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बताया कि अब तक केंद्र सरकार के सहयोग से उप्र में लगभग 30 लाख कामगार/श्रमिक वापस आये हैं । ये 1643 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के द्वारा 22,18,578 लोग,शेष लोग अगल बगल के राज्यों से बसों के द्वारा और अपने-अपने साधनों से भी यूपी आये हैं । मुख्यमन्त्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पहले से ही तय किया है कि हम प्रत्येक कामगार/श्रमिक की वापसी उप्र में सकुशल करवाएंगे।हमारी सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर सभी को निःशुल्क उप्र में ला रही है और लायेगी । वापस यूपी लौट रहे सभी लोगों के सुविधा और सुरक्षा के संदर्भ में बताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब व्यापक पैमाने पर प्रवासी श्रमिकों ने यूपी के लिए पलायन किया तो प्रदेश की सीमा,टोल प्लाजा एवं अन्य चौराहों पर भोजन,पेयजल की व्यवस्था की गई । इसकी कोई तय समयसीमा नही है।जो भी होगा हम उनकी सुरक्षित,निःशुल्क व सम्मानजनक वापसी करवाएंगे। प्रदेश में वापस आने वाले सभी श्रमिकों को पहले क्वारंटाइन केंद्र ले जाकर वहाँ उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है।इसके बाद जो लोग स्वस्थ हैं,हम उन्हें राशन किट उपलब्ध करवाकर होम क्वारंटाइन के लिए अपने साधनों से उन्हें उनके घर तक पहुंचाते हैं ।राशन किट में 15 दिन का खाद्यान्न दिया जाता है जिसमें दाल, नमक,आटा, मिर्च,मसाले, तेल आदि उपलब्ध कराए जाते हैं ।
कोरोनो वायरस महामारी के संकट में यूपी वापस आये श्रमिकों के श्रम और उनके कौशल पर विश्वास रखते हुए उनके जीवन की आर्थिक मजबूती के लिए बड़ा और सराहनीय निर्णय योगी आदित्यनाथ ने लिया है । वापस आये प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार ने इंडस्ट्री से समझौते किये । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार : प्रदेश सरकार स्किल मैपिंग से हर हाथ को कम और हर घर में रोजगार उपलब्ध कराने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया है। 11 लाख प्रवासी श्रमिकों और कामगारों की लिस्ट फिक्की और इंडिया इंडस्ट्रीज एसोसिएशन जैसे संगठनों से मिली है ,जिन्होंने इतनी बडी वर्कफोर्स को रोजगार देने का भरोसा दिया है । योगी आदित्यनाथ को पूरा विश्वास है कि इस प्रयास से श्रमिकों को वित्तीय स्थिरता मिलेगी और जीवन यापन दुबारा से सुलभ हो पायेगा । .....