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कौन है जय प्रकाश निषाद जिन्हें बीजेपी ने यूपी से राज्यसभा भेजा, ब्राह्मण नाराजगी में एक और छौंक!
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योगी जी है तो कुछ भी हो सकता है राज्यसभा जाने के लिये बधाई, यह बात सोशल मीडिया में वायरल हो रही है. जिसे सौरभ पाण्डेय नामक युवक की फेसबुक पर लिखा गया है. जिसका मतलब यह है कि जिस पर योगी की कृपा होगी वही राज्यसभा और विधानपरिषद में जाएगा. जहां पिछले समय से लगातार ब्राह्मण नाराजगी की खबरें सामने आ रही है उसमें क्या यह उम्मीदवारी ने एक छौंक का काम किया है?
फेसबुक पर लिखा है कि गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में अपार मेहनत का फल मिल ही गया स्व उपेंद्र दत्त शुक्ला जी के परिवार का ध्यान न देना एक गहरी साजिश है.
मौसम का रुख देखकर 2018 के नये राष्ट्रवादी सदस्य से अच्छे तो #निषाद_पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष #डॉक्टर_संजय_निषाद ही थे ,जिनके आने से 2019 की लड़ाई आसान हो गयी ,2022 की लड़ाई भी आसान हो जाती.
कौन है जय प्रकाश निषाद
भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की एक राज्यसभा सीट के उपचुनाव लिये जय प्रकाश निषाद को उम्मीदवार घोषित किया. 24 अगस्त को राज्यसभा का उपचुनाव होना है. आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के नेता बेनी प्रसाद वर्मा के निधन के बाद राज्यसभा की सीट रिक्त हो गयी थी बसपा छोडने के बाद समाजवादी पार्टी में भी रहे जयप्रकाश निषाद फरवरी 2018 में भाजपा में शामिल हो गए थे. उनके साथ लोकदल के गोरख सिंह सहित कई नेताओं ने कैम्पियरगंज के पीपीगंज में आयोजित बूथ समिति कार्यकर्ता सम्मेलन में भाजपा की सदस्यता ली थी.
जयप्रकाश निषाद, भारत के उत्तर प्रदेश की सोलहवीं विधानसभा सभा में विधायक रहे है. 2012 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश की चौरी-चौरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र,(निर्वाचन संख्या-326)से चुनाव जीता था. उन्होंने 2007 का चुनाव मनीराम विधानसभा (निर्वाचन संख्या-170)से लड़ा था जहां वो तीसरे स्थान पर रहे थे.
2017 में भी उन्होंने चौरी चौरा से विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी से हार गए. वह 2008 से 2009 तक बहुजन समाज पार्टी की सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने फरवरी 2018 में योगी आदित्यनाथ जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, उनकी एक सभा मे भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. वे इस समय भारतीय जनता पार्टी के गोरखपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हैं. उन्हें हाल ही में पूर्वांचल विकास बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया है.
वहीँ बीजेपी कार्यकर्ता राकेश मिश्र ने भी अपनी फेसबुक पर लिखा कि बधाई देना चाहें तो दें नहीं तो सिर पीटें !
श्री जयप्रकाश निषाद बसपा से एक या दो साल के लिए राज्य मंत्री रहे, फिर सपा में रहे ,2017 में चौरीचौरा विधानसभा सीट पर चुनाव लड़कर तीसरे स्थान पर रहे. राजनीति का मौसम बदलता देख फरवरी 2018 में भाजपा में शामिल हुए. पार्टी में क्षेत्रीय उपाध्यक्ष, पूर्वांचल विकास बोर्ड में सदस्य और अब राज्यसभा की सदस्यता ? मुझे नहीं पता कि प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व के पास इनके बारे में क्या फीडबैक है लेकिन इतना तो जरुर समझ में आता है कि प्रमोटर और पैरवीकार मजबूत हो तो गधा भी पहलवान होता है. इसी प्रकार से पैरोकारों नें प्राचीन काल में कालिदास को महान विद्वान सिद्ध किया होगा.
खैर प्रत्याशी तो बहुत मेहनत से खोजा गया लेकिन सरकार न रहने पर कहां जायेंगे तब खोजने में और अधिक मेहनत करना पड़ेगा.
कैडर को ध्यान में रखते तो डॉ लक्ष्मीकान्त वाजपेई ,मनोज सिन्हा, स्व.उपेन्द्र शुक्ल के परिवार को भी याद किया जा सकता था या जातिगत समीकरण साधना है तो डॉ संजय निषाद जी , जिनके प्रयास से विगत 2019 की लोकसभा चुनाव में तमाम सीटों पर जीत हासिल हुई और 2022 में भी लाभ मिल सकता है , बाकी इस निर्णय का कितना लाभ होगा यह तो भविष्य के गर्भ में है.
जहाँ ब्राह्मण समाज के नेता डॉ लक्ष्मीकान्त वाजपेई को हर बार नेपथ्य में धकेल दिया जाता है जबकि राज्यसभा पर सबसे ज्यादा हक उन्ही का है. जब सबसे पहले मोदी सरकार बनबाने में अहम भूमिका निभाने वाले बाजपेयी अब कहाँ है. हालांकि अभी उनके राज्यपाल बनने की चर्चा बड़े जोर शोर से हुई थी क्या अब उस पर भी विराम लग जाएगा ?