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- सीएम योगी की टीम में...
सीएम योगी की टीम में कौन होगा बाहर कौन शामिल, इन चेहरों की है चर्चा
खबर है कि महीने के अंत में योगी सरकार मोदी सरकार की तर्ज पर कैबिनेट विस्तार करने जा रही है. जाहिर सी बात है कि ये कैबिनेट विस्तार यूपी में चुनावी समीकरण को साधने वाला होगा और ये भी जाहिर ही है कि इस कैबिनेट विस्तार में कुछ का नंबर आएगा और कुछ का नंबर कट जाएगा.
चुनावी उत्तर प्रदेश में महीने के अंत में योगी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार होने वाला है. संगठन की ओर से 25, 26 और 30 जुलाई की तारीख का प्रस्ताव भी दिया गया है, जिस पर योगी आदित्यनाथ फैसला करेंगे.
जाहिर सी बात है कि मंत्रिमंडल विस्तार में उन सारे समीकरण को ध्यान में रखा जाएगा, जिसे साधकर यूपी में जीत की राह आसान हो सके. उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार में जिन चेहरों की सबसे ज्यादा चर्चा है, आजतक के हाथ उनकी जानकारी लगी है.
योगी कैबिनेट का हो सकता है विस्तार
वहीं पीएम मोदी ने जैसे सत्तर साल की उम्र वाले या काम में कमजोर पाए गए मंत्रियों का इस्तीफा ले लिया. उसी तरह सीएम योगी भी सत्तर साल वाले या कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं. सत्तर के आसपास या उससे ऊपर वाले दायरे में सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, दुग्ध विकास, पशुधन, मत्स्य मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, खादी एवं ग्रामोद्योग और एमएसएमई राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह और लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय हैं. ऐसे में इनकी कैबिनेट से छुट्टी होने की भी संभावना जताई जा रही है. इसके अलावा विवादों में रहे कुछ मंत्रियों को भी हटाया जा सकता है. इस तरह कैबिनेट की जितनी भी सीटें खाली होंगी, वहां क्षेत्रीय-जातीय संतुलन को देखते हुए ही समायोजन किया जाएगा.
फोकस जातीय समीकरण पर
कैबिनेट विस्तार में जातीय समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. राजभर, निषाद और ब्राह्मण के साथ किसी क्षत्रिय को मौका दिया जा सकता है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में निषाद पार्टी के प्रवीण निषाद को शामिल किया जाना लगभग तय था. लेकिन वहां उन्हें स्थान नहीं मिला. ऐसे में अब भाजपा प्रवीण के पिता संजय निषाद को विधान परिषद सदस्य बनाकर मंत्री बना सकती है. इसी तरह राजभर जाति के किसी नेता को भी मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को विधान परिषद में भेजकर मंत्री पद दिये जाने की संभावना है. वहीं कमलरानी वरुण के बाद से योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में कोई महिला मंत्री नहीं है. इसलिए अब किसी महिला को भी कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है.