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मुरादनगर की घटना को हल्के में न ले योगी सरकार:प्रमोद तिवारी
राज्य मुख्यालय लखनऊ।रामराज्य का नारा देकर सत्ता में आई मोदी की भाजपा की सरकार में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हो गई है कि शमशान भी उनकी हरामखोरी से बच नही रहे उसी का नतीजा है मुरादनगर की दिल दहला देने वाली घटना इसको लेकर योगी सरकार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर आ गई है और आनी भी चाहिए यह बात अलग है संवेदनहीन योगी सरकार पर पूर्व की तरह इस घटना का भी कोई गंभीर असर नही हो रहा है इस घटना को भी लीपा पोती करने जुटी हुईं है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने गाजियाबाद के मुरादनगर में शमशान घाट के लिये बने कॉरिडोर में हुई मौत से दुःखी एवं आहत है कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य तथा आउट रीच एण्ड को-ऑडिनेशन कमेटी, उत्तर प्रदेश के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमन्त्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि इस दर्दनाक एवं दुःखद घटना से सबक सीखा जाना चाहिए। 25 लोगों की मौत के जिम्मेदार ठेकेदार अजय त्यागी का यह खुलासा कि उसने लगभग 30% रिश्वत देकर ठेका लिया था, इससे उत्तर प्रदेश में चल रही निर्माण प्रक्रियाओं में लूट का खुलासा उजागर हो गया है। रु. 55.00 लाख (पचपन लाख रुपये) के ठेके मेंउसने रु. 16.00 लाख (सोलह लाख रुपये) टेंडर के समय दिया था। बाकी का क्या होगा ? इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है ।
तिवारी ने कहा है कि इसी तरह प्रदेश में निर्माणाधीन सेतुओं का गिरना भी यह दर्षााता है कि उत्तर प्रदेश में निर्माण कार्यो में कमिश्नखोरी अपने सबसे ज्यादा चिन्ताजनक दौर में पहुँच गयी है। चर्चा यह भी है कि उत्तर प्रदेष में बहुत सी निर्माण इकाइयां 40 से अधिक कमीशन दे रही है।
24 मौतों से यही सबक लेना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाय और निर्माण कार्यो की गुणवत्ता में सुधार लाया जाय, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। तिवारी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि प्रदेष में घट रही घटनाओं से सबक लेते हुये सुधारात्मक कदम उठाये जायें। तिवारी ने मोदी की भारतीय जनता पार्टी की विरोधाभासी बयानों के लिये निन्दा की है और उन्होंने कहा है कि एक ओर कोरोना काल में जब देश भयानक आर्थिक मंदी के दौर में है, किसानी, व्यापार और छोटे उद्योग धंधे चैपट हो रहे हैं, तो ऐसे समय में नये संसद भवन हेतु मोदी सरकार रु. 14000 करोड़ (चौदह हजार करोड़ रुपये) की लागत से सेण्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट बनाने को न्यायोचित ठहराने का प्रयास कर रही है, और मोदी सरकार एक ओर कह रही है कि यह ''ब्रिटिश हुकूमत'' की निषानी है। वही दूसरी ओर ब्रिट्रिष प्रधानमंत्री बोरिस जानसन को ''गणतंत्र दिवस'' की परेड में मुख्य अतिथि बनाकर भारतीय सेना से सलामी दिलाने जा रहे थे जो ब्रिटेन में दूसरे कोरोना के फैलने के कारण निरस्त हो गया है ।
तिवारी ने कहा है कि गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष बनते रहे हैं और बनते रहेंगे - यह एक परमपरा है। किन्तु यह कहां तक उचित है कि सलामी स्थल से ठीक सामने स्थित बिट्रिश हुकूमत की जिसे वह निशानी बता रहे हैं, वहां पर रु.14000 करोड़ (चैदह हजार करोड़) देश के खजाने से खर्च करने जा रहे हैं, जबकि देष गम्भीर आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है।वायरस टीके के सवाल पर तिवारी ने कहा है कि भारतीय वैज्ञानिक बधाई के पात्र है जिन्होंने इस महामारी से बचने के लिये टीका बनाया है, इसके लिये उन्हें कोटिशः बधाई। हमारा अनुरोध है कि यह विष्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों को पूरा करने वाले सभी ट्रायल, औपचारिकताओं तथा आवष्यक प्रतिरोध को पार करने के बाद ही इसे नि:शुल्क सभी भारत वासियो के लिये लगााया जाना चाहिए जैसा कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हैजा, पोलियो और चेचक के टीके निःशुल्क सभी देशवासियों को लगाया गया है।