लखनऊ

बड़ी खबर: UP में योगी सरकार ने किए 45,000 शिक्षकों के तबादले

Arun Mishra
20 Sept 2020 12:55 PM IST
बड़ी खबर: UP में योगी सरकार ने किए 45,000 शिक्षकों के तबादले
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इस तबादला नीति में महिलाओं, दिव्यांगों व सैनिक परिवारों की महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी गई है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सरकारी भर्तियों को लेकर योगी सरकार एक्शन मोड में आ गई है. इसी कड़ी में रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 45000 बेसिक शिक्षकों के एक जिले से दूसरे जिले में तबादले कर दिए. इस तबादला नीति में महिलाओं, दिव्यांगों व सैनिक परिवारों की महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी गई है. दरअसल लॉकडाउन के चलते तबादले की प्रक्रिया रुकी हुई थी. बताया जा रहा है कि 45000 से अधिक शिक्षकों ने आवेदन आये थे. ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत पूरी पारदर्शिता के साथ तबादले किए गए है. इसमें से करीब 9000 म्यूच्यूअल ट्रांसफर के मामले हैं.

इससे पहले शनिवार को सीएम योगी ने बेसिक शिक्षा विभाग में 31661 सहायक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को एक हफ्ते में पूरा करने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को नौकरी सहित रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित है. बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा सहायक अध्यापकों के 69000 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 6 जनवरी, 2019 को टीटीई की परीक्षा कराई गई थी. 7 जनवरी, 2019 को निर्गत शासनादेश द्वारा टीटीई परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम 65 प्रतिशत तथा पिछड़ा वर्ग एवं अन्य आरक्षित वर्गों के लिए न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक निर्धारित किया गया था.

बढ़ाया सरकारी नौकरियों में आरक्षण का कोटा

योगी सरकार ने प्रदेश की सरकारी नौकरियों में आरक्षण (Reservation) का कोटा बढ़ा दिया है. अब यूपी में सरकारी नौकरियों में कुल 60 फीसदी पदों पर आरक्षण होगा. आर्थिक रूप से कमजारों को 10 फ़ीसदी आरक्षण देने के बाद रिजर्वेशन का कोटा बढ़ा है. अब सभी भर्ती आयोग अब इसके आधार पर ही विज्ञापन निकालकर आवेदन मांगेंगे. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है और भर्ती के लिए जो प्रस्ताव पूर्व से आए थे उसे वापस भेजकर इसमें संशोधन कराया जा रहा है.

केवल यूपी में रहने वालों को ही मिलेगा लाभ

बता दें राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है. इसके तहत उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम-2020 जारी किया जा चुका है. इसके आधार पर आर्थिक रूप से कमजोरों को 10 फीसदी आरक्षण देना अनिवार्य हो गया है. इसका फायदा केवल यूपी में रहने वालों को ही मिलेगा. अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंहल ने निर्देश भेज रखा है कि इसे कड़ाई से लागू किया जाए.

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