लखनऊ

फरार CAA-NRC प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी को योगी सरकार ने कसा शिकंजा, नकद इनाम की घोषणा की

Arun Mishra
6 Nov 2020 3:56 AM GMT
फरार CAA-NRC प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी को योगी सरकार ने कसा शिकंजा, नकद इनाम की घोषणा की
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14 लोगों को फरार घोषित कर दिया और उनकी गिरफ्तारी के लिए नकद पुरस्कारों की घोषणा की है।

लखनऊ : नागरिकता संशोधन कानून ( CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में प्रदर्शन करने वालों पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले 14 लोगों को फरार घोषित कर दिया और उनकी गिरफ्तारी के लिए नकद पुरस्कारों की घोषणा की है। बताया जा रहा है कि ये प्रदर्शनकारी लंबे समय से फरार चल रहे हैं, यही वजह है कि इन पर शिकंजा कसने के लिए योगी सरका ने यह कदम उठाया है।

हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, 14 फरार प्रदर्शनकारियों में से 8 प्रदर्शनकारियों पर गैंगस्‍टर एक्ट के तहत कार्रवाई कर वांटेड घोषित किया गया है और उनके घरों के बाहर नोटिस लगाए गए हैं। इसके अलावा, इन प्रदर्शनकारियों को लेकर कई जगह पोस्‍टर चस्‍पा किए गए हैं।

इन आरोपियों पर लखनऊ में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान आगजनी करने, सांप्रदायिक वैमनस्यता फैलाने और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। आरोपियों में शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास शामिल थे। गौरतलब है कि दिसंबर में लखनऊ में सीएए और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन हुआ था, जिसने हिंसक रूप ले लिया था। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी तोड़फोड़, आगजनी और पथराव भी किया था।

प्रशासन ने पुराने शहर के इलाकों और इमामबाड़ा के पास कई स्थानों पर आरोपियों की तस्वीरें भी चिपका दी हैं। पिछले साल दिसंबर में लखनऊ में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं और एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी सहित 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।

नया नागरिकता कानून, नागरिक कानून 1955 में संशोधन करके बना है। नागरिकता संशोधन कानून के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।

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