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बरात की जगह घर से अर्थी निकली तो हर आंख हुई नम, होश खो बैठे थे पिता तो परिजन फफक कर रो रहे थे
उत्तर प्रदेश के मौनपुरी जिले के घिरोर थाना क्षेत्र के गांव मानपुर में बुधवार को हुए दर्दनाक हादसे ने शादी की खुशियों को गम में बदल दिया। जिस घर से बरात निकलनी थी, वहां से दूल्हे की अर्थी उठी, तो हर आंख छलक उठी। शादी को लेकर घर में गाए जा रहे मंगल गीत पलक झपकते ही मातम में तब्दील हो गए। रिश्तेदार व ग्रामीण दुखी परिवार को सांत्वना देने के अलावा कुछ भी नहीं कर सके।
बता दें घिरोर क्षेत्र के गांव नगला मान निवासी प्रमोद यादव के 22 वर्षीय पुत्र अनुराग यादव की बरात बुधवार को जानी थी। जोर शोर से तैयारियां चल रहीं थीं, बरात की सभी तैयारियां पूरी हो चुकीं थीं। घर में महिलाएं मंगलगीत गा रहीं थीं। अचानक एक हादसे ने शादी वाले घर का माहौल बदल दिया। अनुराग को करंट लगने के बाद जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया, जैसे ही यह खबर घर पहुंची तो कोहराम मच गया। मंगलगीत चीख पुकार में बदल गए।
परिजन अनुराग के शव को लेकर घर पहुंचे तो पिता प्रमोद होश खो बैठे। जिस बेटे की शादी को लेकर कुछ देर पहले तक वह उत्साहित थे अब उस बेटे की अर्थी को कंधा देना था। रिश्तेदार व ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से उन्हें संभाला। जवान बेटे को खोने के बाद प्रमोद की आंखों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
वहीं होने वाली दुल्हन भी शादी को लेकर सपने संजोए हुए थी। गांव मधुपुरी में जब दूल्हे की मौत की खबर पहुंची तो हर कोई स्तब्ध रह गया। दुल्हन पक्ष की ओर से बरात की आवभगत की तैयारियां कर लीं गईं थीं। दुल्हन के हाथों में मेंहदी सजी थी, यहां भी मंगलगीत के साथ रस्मों को पूरा किया जा रहा था। अनुराग की मौत की खबर से दुल्हन के हाथ में सजी मेंहदी आंसुओं में धुल गई।
मृतक के परिजन व ग्रामीण विद्युत निगम पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि गांव में लाइन बेहद नीची है, यदि लाइन नीचे न होती तो हादसा नहीं होता। विभागीय लापरवाही को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
अनुराग की मौत के बाद पिता प्रमोद मानो सुध बुध खो चुके हैं। एक साल पहले ही पत्नी गीता की मौत हुई थी। वहीं बुधवार को हादसे में अनुराग की मौत हो गई। घर में प्रमोद के अलावा पुत्र अनुज ही बचे हैं।