मैनपुरी

जब एसपी मैनपुरी को मिली भ्रष्टाचार की जानकारी, तो मौके पर जाकर खुद जानी सच्चाई!

Shiv Kumar Mishra
7 Feb 2020 9:11 AM GMT
जब एसपी मैनपुरी को मिली भ्रष्टाचार की जानकारी, तो मौके पर जाकर खुद जानी सच्चाई!
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कहने को तो कोई कुछ भी कह सकता है लेकिन आज पूरे मामले में एसपी अजय कुमार ने एक मिशाल पेश की जहाँ किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक परेशान नहीं किया और न हीं शिकायत की जाँच की बात कही

मैनपुरी जिले में शुक्रवार को उस समय हडकम्प मच गया जब एसपी अजय कुमार पाण्डेय का फोन घनघना उठा. एसपी ने फोन उठाया और बातचीत की. बातचीत में पता चला कि जिले के भोंगाव थाना क्षेत्र के अहिरवा गाँव में पुलिस ने देर रात कुछ लोंगों को जुआ खेलते हुए पकड लिया है. पुलिस ने कुछ लोंगों को छोड़ दिया है जबकि एक व्यक्ति को छोड़ने के एवज में कुछ पैसे की मांग जा रही है.




फिर क्या था एसपी अजय कुमार का माथा ठनक गया और अपने पीआरओ को गाडी तैयार करने का निर्देश दिया और आनन फानन में गाडी में जा बैठे. यह सब काल होने के बाद पांच मिनट का वाकया है. मालूम हो कि आईपीएस अजय कुमार पाण्डेय ने पहले फिरोजाबाद और शामली जनपद में भ्रष्टाचार को लेकर कई पुलिस कर्मी निलंबित किये तो कई को जेल भी भेजा है. अपनी ईमानदार कार्यशैली को लेकर हमेशा सजग रहने वाले अजय कुमार इस घटना से बेचैन नजर आये कि आखिर मेरे जिले में इस तरह की हरकत करने वाला कौन आदमी है.



एसपी तुरत फुरत थाना भोंगाव में जा पहुंचे. फिर इस मामले की जानकारी ली और जानने का प्रयास किया कि मेरी जानकारी में इस तरह की घटना आई है. इस मामले के आरोपी को मेरे सामने लाओ कौन है? उसके बाद एसपी ने अकेले में उस व्यक्ति से बातचीत की लेकिन उसने इस तरह की किसी भी तरह की कोई बात नहीं होने की बात कही. एसपी अजय कुमार के मन में फिर भी कहीं एक बात खटक रही थी कि आखिर इस तरह की बात चली कैसे?



फिर क्या था एसपी अजय कुमार ने उस गाँव की और अपनी गाडी घुमा दी जिस गाँव से यह लोग पकडे गए थे. उन्होंने गाँव के कई लोंगों से इस घटना की जानकारी ली लेकिन सबने अनभिज्ञता जाहिर की तब जाकर एसपी अजय कुमार को सुकून आया.

कहने को तो कोई कुछ भी कह सकता है लेकिन आज पूरे मामले में एसपी अजय कुमार ने एक मिशाल पेश की जहाँ किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक परेशान नहीं किया और न हीं शिकायत की जाँच की बात कही जाकर खुद ही इस मामले की तहकीकात की. बात का लब्बोलुआब यह है कि अगर यूपी के सभी जिलों के कप्तान इस तरह की मुहीम में शामिल हो जाएँ तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगना तय माना जाएगा.


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