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- मथुरा में शाही ईदगाह...
मथुरा में शाही ईदगाह पर सर्वे पर आचार्य प्रमोद कृष्णम का बड़ा बयान, सर्वे से आपत्ति किसको, अदालत पर सवाल करने से बचें!
मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह परिसर के ASI सर्वे को मंजूरी दे दी है. जो श्रीकृष्ण जन्मभूमि से बिलकुल सटी हुई है। उच्च न्यायालय ने मंगलवार को निरीक्षण के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति की मांग करने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया।
इस बयान पर जब स्पेशल कवरेज न्यूज के संपादक शिवकुमार मिश्रा ने कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, इस मामले में अभी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सर्वे कराने की बात कही है। जिससे हम किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होना चाहिए। क्योंकि सर्वे कराने का आदेश शीर्ष अदालत द्वारा दिया गया है तो हम अदालत पर कोई भी टीका टिपण्णी नहीं कर सकते है। रही सर्वे की बात तो जांच होने दो सब साफ हो जाएगा। इसके बाद अदालत इस पर अपना क्या आदेश देती है उस पर सोचेंगे। इस देश में में तो प्रत्येक धर्म सप्रदाय की बात करता हूँ। सनातन की बात करता हूँ सनातन सभी धर्मों का हमेशा सम्मान करता है और करता रहेगा।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि में रहूँ या न रहूँ लेकिन सनातन का कोई बाल बांका नहीं कर सकता है। देश को जब जब जरूरत पड़ी सनातन धर्म के अनुआईयों ने अपनी जान की बाजी लगाई है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते है लेकिन सनातन का अपमान करने वालों को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। सनातन के खिलाफ कोई भी गलत बोलेगा तो में खामोश नहीं बैठूँगा। सनातन हमारी रीढ़ की हड्डी है। कहा जाता है जब आपकी रीढ़ की हड्डी ही कमजोर होगी तो आप क्या कर पाएंगे।
क्या हुआ आदेश
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने इससे पहले 16 नवंबर को संबंधित पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। सर्वे की मांग वाली यह याचिका भगवान श्री कृष्ण विराजमान और सात अन्य लोगों अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडेय और देवकी नंदन के जरिए दायर की गई थी। याचिका में दावा किया गया है कि भगवान कृष्ण की जन्मस्थली उस मस्जिद के नीचे मौजूद है। और ऐसे कई संकेत हैं जो यह साबित करते हैं कि वह मस्जिद एक हिंदू मंदिर है।
न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की पीठ ने मूल मुकदमे में अधिवक्ता हरि शंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडे और देवकी नंदन के माध्यम से देवता (भगवान श्री कृष्ण विराजमान) और 7 अन्य द्वारा दायर आदेश 26 नियम 9 सीपीसी आवेदन पर यह आदेश पारित किया। HC में लंबित है.