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- बांकेबिहारी मन्दिर में...
बांकेबिहारी मन्दिर में वर्ष में केवल एक बार ही होती है मंगला आरती, जानें उस आरती की शुभ घड़ी
मथुरा। आज पूरे देश में बहुत धूमधाम से कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. हर साल भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है. भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी के निर्धारण में अष्टमी तिथि का बहुत ज्यादा ध्यान रखते हैं,धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों को इस खास दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। वही बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती का विशेष महत्व है।
बतादें कि भारत विख्यात बांके बिहारी मन्दिर में आज जन्माष्टमी की रात जन्म के बाद मंगला के दर्शन रात पौने दो बजे से होंगे। बांकेबिहारी मन्दिर में वर्ष में केवल एक बार ही मंगला आरती होती है तथा मंगला के दर्शन होते हैं। बाकी अन्य दिनों में श्रृंगार आदि के दर्शन होते हैं। मन्दिर प्रबंधन ने मंगला आरती में होने वाली भीड़ को देखते हुए कोविद-19 के नियमों का पालन करना एवं मास्क लगाना आवश्यक कर दिया है ।
एसपी सिटी मार्तण्ड प्रकाश सिंह ने बताया कि एक बार में सीमित संख्या में ही लोगो को मन्दिर में प्रवेश दिया जाएगा। बांकेबिहारी मन्दिर मन्दिर के प्रबंधक मुनीश शर्मा के अनुसार जन्माष्टमी की रात जहां पौने दो बजे दर्शन खुलेंगे वहीं रात एक बजकर 55 मिनट पर पांच मिनट तक आरती होगी। इसके बाद दर्शन साढ़े पांच बजे तक खुले रहेंगे।
साल में एक बार ही बांकेबिहारी मन्दिर में दर्शन खुलने का कारण स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि बिहारी जी महाराज नित्य निधिवन में महारास के लिए जाते हैं और वहां से आकर देर में सोते हैं इसलिए ही वे देर में उठते हैं और यही कारण है कि मन्दिर के दर्शन श्रंगार सेवा से खुलते हैं जिसमें दस मिनट बाद श्रंगार आरती होती है।