- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- मथुरा
- /
- ऊर्जा मंत्री ने बुखार...
ऊर्जा मंत्री ने बुखार से प्रभावित गांवों के ग्राम प्रधानों के साथ की समीक्षा
मथुरा: ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पंडित श्रीकान्त शर्मा ने सोमवार को मथुरा जनपद में संचारी रोगों की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की वर्चुअल समीक्षा की। इसमें जिला प्रशासन, चिकित्सा अधिकारियों के साथ प्रभावित 7 गांवों के ग्राम प्रधान भी जुड़े। ग्राम प्रधान के सुझावों के आधार पर ऊर्जा मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों में समन्वय हो और डीएम इन सभी कार्यों की सतत निगरानी करें।
ऊर्जा मंत्री ने फरह, मथुरा, गोवर्धन, चौमुंहा और छाता ब्लॉक के प्रभावित गांवों के प्रधानों व अन्य लोगों से चर्चा की। चर्चा के दौरान ऊर्जा मंत्री ने निर्देश दिए कि सोर्स डिडक्शन कर शुरुआत में ही संक्रमण को रोकें ताकि मच्छर एवं जीवाणु जनित ये बीमारियां फैलने न पाएं। इसके लिए प्रभावित गांवों के साथ ही नजदीकी गांवों में भी सघन सैनिटाइजेशन के कार्य हों। डोर टू डोर सर्वे कर लगातार मरीजों की स्थिति जानें, घरों में कूलर या अन्य किसी जगह पर पानी एकत्र न हो।पोखर व तालाबों में सफाई व छिड़काव हो। एन्टी लार्वा स्प्रे डालने व फॉगिंग का कार्य नियमित हो और आवश्यकता पड़ने पर लार्वा खाने वाली मछलियों को जलाशयों में छोड़ें। जागरूकता के लिए पैम्पलेट का वितरण लगातार करें।
उन्होंने कहा कि नये मामले आते ही गांवों में इलाज, दवा, ब्लड टेस्ट, एम्बुलेंस की समुचित व्यवस्था हो, मरीजों को भटकना न पड़े। मरीजों को गाँवों में ही हेल्थ कैम्प में प्राथमिक उपचार मिले। आवश्यकता पड़ने पर गाँवों से नजदीकी अस्पतालों में निःशुल्क इलाज की पूरी व्यवस्था हो। मरीजों को भर्ती होने में परेशानी न आये, इसके लिए चयनित अस्पतालों के लिए नोडल अधिकारी तय कर, नंबर जारी करें। उन्होंने प्रधानों को बताया कि स्वर्ण जयंती, जिला संयुक्त चिकित्सालय, जिला अस्पताल व आर के मिशन में इलाज की पूरी व्यवस्था है।