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मथुरा के जिला जेल मे भगवान श्रीकृष्ण की पोशाकों को बनाने का जिम्मा एक मुस्लिम बंदी की देखरेख मे 5000 पोशाके होगीं तैयार
कान्हा की नगरी मथुरा में कृष्ण जन्माष्टमी 19 अगस्त को मनाई जाएगी. ऐसे में जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां भी चल रही हैं. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म स्थान कारागार होने की वजह से इस बार मथुरा जिला जेल में भगवान कृष्ण की पोशाक ओडीओपी योजना के तहत बड़ी संख्या में बनाई जा रही हैं. मथुरा जेल से ही एक कंपनी के माध्यम से देश के विभिन्न मंदिरों एवं देश के बाहर विदेशों में भी कान्हा के पोशाक को भेजा जा रहा है
. दिलचस्प बात यह है कि इन पोशाकों को बनाने का जिम्मा एक मुस्लिम बंदी की देख रेख में किया जा रहा है. 5000 की संख्या में बनने वाली इन पोशाकों को ऐसा नहीं है कि कोई प्रोफेशनल कारीगर बना रहे हो. भगवान कृष्ण के जन्म महोत्सव के बाद उनको पहनाए जाने वाली पोशाकों को वह कारीगर बनाने में जुटे हुए हैं, जो अपराध कर समाज में दहशत फैलने का काम किया करते थे
. लेकिन पिछले लंबे समय से जेल में बंद हैं और अब ट्रेनिंग के बाद इन पोशाकों को बनाने में जुटे हुए हैं. पहले निजी संस्था हरी प्रेम सोसायटी गाजियाबाद ने इन कारीगरों से पोशाकों का सैंपल बनवाया और फिर सैंपल बाजार में पास होने के बाद संस्था ने इन बंदियों को पोशाक बनाने का काम बड़ी संख्या में दिया है. सबसे खास बात यह है कि जिस बंदी के निर्देशन में पोशाक बनाने का काम किया जा रहा है
वह मुस्लिम है. मुस्लिम बंदी का कहना है कि यह तो उसका सौभाग्य है कि मुस्लिम होने के बाद भी मुझे भगवान की पोशाक बनाने का काम मिला है
. लाखों लोगो में से मुझे जेल के अंदर यह काम करने का मौका मिला है. यह भगवान की ही कृपा है. भगवान की इस कृपा को वही समझ सकता है जो मुस्लिम होने के बाद भी इन पोशाक को बनाते हैं.
हिंदू मुस्लिम के मुद्दे पर मुस्लिम कारीगर ने कहा कि सबसे बड़ा धर्म इंसानियत का है, उससे बड़ा धर्म ही कोई नहीं।