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17 साल की लड़की की कोरोना से मौत, बेबस और गरीब पिता नहीं कर सका अंतिम संस्कार तब!
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अंकित गुप्ता
मेरठ के जागृति विहार निवासी 17 साल की कोरोना पॉजिटिव लड़की की तीन पहले मौत हो गयी। परिवार क्वारेंटाइन सेंटर में था। खबर सुनते ही पूरा परिवार सदमें में आ गया। 4 जून की रात, पांच जून और 6 जून की सुबह, युवती का शव अपनों का इंतज़ार करता रहा।
बात फैली और शनिवार को क्वारेंटाइन सेंटर से युवती के पिता को मेरठ मेडिकल कॉलेज लाया गया। शव वाहन में बेटी के शव के साथ सूरजकुण्ड श्मशान घाट भेज दिया गया। लेकिन न पिता को पीपीई किट दी गई और न शव वाहन चालक को।।शव को बाहर कौन निकाले।
जैसे तैसे अंतिम संस्कार की बात हुई, पंडितों से पैसे की मांग रख दी। गरीब पिता बहुत रोया, हाथ फैलाया, एक फूटी कौड़ी जेब में नहीं थी। बोला- किसी तरह मदद कर दो, एक एक पाई चुका दूंगा। मदद को लेकिन कोई आगे न आया।
मेरठ सीएमओ राजकुमार अत्रि के पास किसी तरह सूचना पहुंची। वो भी भावुक हो गए। उन्होंने अपनी जेब से अंतिम संस्कार के लिए तुरंत पैसे भिजवा दिए, नगर निगम के दो कर्मचारियों को बुलाकर उन्हें पीपीई किट दी गई और तब जाकर लड़की का अंतिम संस्कार हुआ। सोचिए कोरोना वायरस क़यामत ढा रहा है। लोग मजबूर, बेबस हैं।