मेरठ

प्रियंका गुजरात के बाद यूपी में करेंगी गठबंधन की चूलें कमजोर, चन्द्रशेखर से अस्पताल में की मुलाकात

Special Coverage News
13 March 2019 11:38 AM GMT
प्रियंका गुजरात के बाद यूपी में करेंगी गठबंधन की चूलें कमजोर, चन्द्रशेखर से अस्पताल में की मुलाकात
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और वेस्ट यूपी प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण से मिलने के लिए मेरठ के आनंद हॉस्पिटल में पहुंच रहे हैं. प्रियंका के शामिल होने के बाद कल गुजरात में पहली रैली में उमड़ी भीड़ से गदगद प्रियंका अब यूपी में तैयारी में जुट गई है.


भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर से मिलने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया मेरठ अस्पताल पहुंचे, चंद्रशेखर इस समय अस्पताल में भर्ती हैं. बता दें कि भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर रावण को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मंगलवार को पुलिस ने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में हिरासत में ले लिया था. तबीयत खराब होने के कारण बाद में उन्हें इलाज के लिए मेरठ भेजा दिया गया. उनकी गिरफ्तारी की खबर सुनते ही उनके समर्थकों ने हंगामा किया.

जानकारी के अनुसार, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर दोपहर में सैकड़ों समर्थकों के साथ देवबंद क्षेत्र में जुलूस निकाल रहे थे. उन्होंने बताया कि आचार संहिता लगने के बाद भी वह बिना अनुमति के यह कार्यक्रम कर रहे थे. प्रशासन ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने. इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर उपचार के लिए मेरठ के अस्पताल में भेजा दिया है .गौरतलब है कि चंद्रशेखर ने अभी हाल में ऐलान किया था कि उनका संगठन लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी का समर्थन करेगा.

प्रियंका उत्तर प्रदेश में गठबंधन और बीजेपी से नाराज लोंगों से मिलकर एक नया धडा तैयार करेंगी और धडाधड अपने लोंगों को जोड़ने का अभियान शुरू करेंगी. इससे अब उत्तर प्रदेश में एक नया राजनैतिक स्वरूप बन जाएगा. जो बीजेपी और सपा बसपा के लिए कठिनाई बन जाएगा. फिलहाल पश्चिमी यूपी से अगर चन्द्रशेखर को कांग्रेस अपने खेमें में खड़ा कर लेती है तो दलितों के वोटों पर पश्चिमी यूपी में असर जरुर पड़ेगा.


जहाँ कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रियंका के कांग्रेस में शामिल होने से खुश नजर आ रहे है तो बीजेपी को भी अपना नुकसान उतना ही दिख रहा है जितना सपा बसपा को लेकिन बीजेपी सिर्फ इसलिए अपने को खुशनसीब मान कर चल रही है. जिससे मुकाबला त्रिकोणीय होता नजर आ रहा है. जिससे बीजेपी भी अभी खुश नजर आ रही है.



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