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- यूपी : एक साथ पैदा हुए...
यूपी : एक साथ पैदा हुए थे और अब कोरोना के चलते 24वें जन्मदिन पर एक साथ हो गई जुड़वां भाइयों की मौत
मेरठ : यूपी के मेरठ में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. शहर के रहने वाले ग्रेगरी रेमंड राफेल ने अपने दो जुड़वा बेटों को कोरोना की वजह से एक ही साथ खो (Twins Die Due to Corona) दिया. उनके दर्द का अंदाजा लगाना बहुत ही मुश्किल है. साथ में जन्म लेने के बाद हमेशा दोनों ने एक साथ हर काम किया। एक साथ सोते, खाते, खेलते, पढ़ाई और यहां तक कि दोनों ने कंप्यूटर इंजिनियरिंग भी साथ करके हैदराबाद में नौकरी भी एक साथ की. हैरान कर देने वाली बात ये है कि दोनों एक ही साथ पैदा हुए और एक ही साथ ही दोनों की मौत हो गई. 24वें जन्मदिन के कुछ ही दिनों बाद रेमंड राफेल के बेटों की मौत हो गई.
दोनों के नाम जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी और राल्फ्रेड जॉर्ज ग्रेगरी थे. दोनों ने एक साथ कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. दोनों हैदराबाद की एक कंपनी में जॉब (Both Working in Hyderabad) करते थे. पिता रेमंड ने बताया कि उनके बेटों को 24 अप्रैल को तेज बुखार आ गया था. कोरोना संक्रमित होने की वजह से पिछले हफ्ते यानी कि 13 और 14 मई को दोनों की मौत हो गई.
कोरोना ने ली दो जुड़वां भाइयों की जान
बता दें कि जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी और राल्फ्रेड जॉर्ज ग्रेगरी का जन्म 23 अप्रैल 1997 को हुआ था. 13 और 14 मई को दोनों की कोरोना की वजह से मौत हो गई. मेरठ में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से उनके घर के इलाके में कंटेनमेंट जोन बना हुआ था. इसी वजह से रेमंड अपने दोनों बेटों का घर पर ही इलाज कर रहे थे. उन्हे लगा था कि दोनों का बुखार ठीक हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
रेमंड ने कहा कि जब दोनों बेटों का ऑक्सीजन लेवल 90 से नीचे जाने लगा तो डॉक्टर्स ने दोनों को अस्पताल में भर्ती कराने के कहा था. 1 मई को रेमंड ने अपने बेटों को एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा दिया. दोनों की पहली कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी लेकिन कुछ भी दिनों के बाद उनकी दूसरी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आ गई. डॉक्टर दोनों को कोरोना वॉर्ड से नॉर्मल ICU में शिफ्ट करने की प्लानिंग कर रहे थे. 13 अप्रैल को उन्हें पता चला कि उनके बेटे जोफ्रेड की मौत हो गई है, जिसके बाद उन्होंने अपने दूसरे बेटे को दिल्ली के अस्पताल में जाने की बात की लेकिन 14 मई को उसने भी दम तोड़ दिया.
मां-बाप को बेहतर लाइफ देने का था सपना
अपने दो जवान बेटों को खोने के बाद ग्रेगरी रेमंड बहुत ही दुखी हैं. उनका कहना है कि उनके बेटे उन्हें एक बेहतर लाइफ देना चाहते थे. उन्होंने कहा कि एक टीचर के तौर पर उन्होंने अपने बच्चों को पालने के लिए बहुत ही स्ट्रगल किया. अब उनके बेटे सारी खुशियां उनको वापस लौटाना चाहते थे. उन्होंने बताया कि मरने से पहले उनके बेटे कोरिया जाने की प्लानिंग कर रहे थे. इसके साथ ही काम के लिए दोनों जर्मनी जाना चाहते थे. रेमंड का कहना है कि वह नहीं जानते कि उनके दोनों बेटों को छीनकर उन्हें भगवान ने इतनी बड़ी सजा क्यों दी.