उत्तर प्रदेश

UP Nikay Chunav : यूपी में आचार संहिता लागू, ट्रांसफर-पोस्टिंग सहित अब नहीं हो सकेंगे ये काम!

Arun Mishra
10 April 2023 12:27 PM IST
UP Nikay Chunav : यूपी में आचार संहिता लागू, ट्रांसफर-पोस्टिंग सहित अब नहीं हो सकेंगे ये काम!
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उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है, ऐलान के साथ ही रविवार से आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

UP Nikay Chunav : उत्तर प्रदेश राज्य चुनाव आयोग ने राज्य में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। यह चुनाव दो चरणों में होंगे। एक प्रेस ब्रीफिंग में, राज्य चुनाव आयुक्त मनोज कुमार ने कहा, "शहरी स्थानीय निकाय चुनावों का मतदान 4 मई और 11 मई को दो चरणों में होगा। पहले चरण के मतदान में 37 जिले शामिल होंगे जबकि 38 जिले दूसरे चरण में शामिल होंगे। चुनाव आयुक्त ने कहा कि तारीखों के ऐलान के साथ ही रविवार से आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

क्या है आचार संहिता

देश अथवा राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। और इसकी जिम्मेवारी पूरी तरह से चुनाव आयोग पर ही होती है। चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न हो सके इसके लिए आचार संहिता लागू किया जाता है। अब जान लीजिये वो नियम क्या हैं.

- आचार संहिता में सरकार किसी भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर या पोस्टिंग नहीं कर सकती. अगर किसी अधिकारी ट्रांसफर या पोस्टिंग जरूरी भी हो तो आयोग की अनुमति लेनी होगी.राज्य और केंद्र के अधिकारी-कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक चुनाव आयोग के कर्मचारी की तरह काम करेंगे.

- किसी भी तरह की नई योजना, निर्माण कार्य, उद्घाटन या शिलान्यास नहीं हो सकता. अगर पहले ही कोई काम शुरू हो गया है तो वो जारी रह सकता है.

- आचार संहिता के दौरान सरकारी पैसे का इस्तेमाल विज्ञापन या जन संपर्क के लिए नहीं हो सकता. अगर पहले से ही ऐसे विज्ञापन चल रहे हों तो उन्हें हटा लिया जाएगा.

- सरकार का कोई भी मंत्री, विधायक यहां तक कि मुख्यमंत्री भी चुनाव प्रक्रिया में शामिल किसी भी अधिकारी से नहीं मिल सकता.

- सरकारी विमान, गाड़ियों का इस्तेमाल किसी पार्टी या कैंडिडेट को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता.मंत्रियों-मुख्यमंत्री सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल अपने आधिकारिक निवास से अपने ऑफिस तक केवल सरकारी काम के लिए ही कर सकते हैं.

- राज्य सरकार का कोई भी मंत्री या कोई भी राजनीतिक कार्यकर्ता सायरन वाली कार का इस्तेमाल नहीं कर सकता, चाहे वो गाड़ी निजी ही क्यों न हो.

- मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या किसी भी धार्मिक स्थल का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं हो सकता.

- प्रचार के लिए राजनीतिक पार्टियां कितनी भी गाड़ियां (टू-व्हीलर भी शामिल) इस्तेमाल कर सकती हैं, लेकिन पहले रिटर्निंग ऑफिसर की अनुमति लेनी होगी.

- किसी भी पार्टी या प्रत्याशी को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने से पहले पुलिस-प्रशासन की अनुमति लेनी होगी.

अब पार्टियों से टिकट का होगा ऐलान

निगम चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। अब सपा, भाजपा, कांग्रेस के साथ ही साथ बसपा भी निगम पार्षद, मेयर, नगरपालिका चेयरमैन और सभासद के टिकट की घोषणा शुरू होगी। सभी पार्टियों की तरफ से तैयारी हो चुकी है। बस केवल नाम का ऐलान किया जाना बाकी है। नाम के ऐलान होने के बाद सभी पार्टियों में विरोध होने के आसार तेज हो गए है। कुछ टिकट नहीं मिलने पर दूसरी पार्टियों में जाने के लिए कमर कस चुके हैं।


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