मुरादाबाद

जिला महिला अस्पताल में 6 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश, घटना सीसीटीवी में कैद

Special Coverage News
7 Jan 2019 7:52 PM IST
जिला महिला अस्पताल में 6 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश, घटना सीसीटीवी में कैद
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सांकेतिक तस्वीर

प्रदेश सरकार भले ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लाख दावे करती हो लेकिन धरातल पर सारे वादे विफल हो तो दिखते हैं. ताजा मामला यूपी के मुरादाबाद का है. जहां जिला अस्पताल के महिला वार्ड से बहला फुसलाकर ले गया था 6 साल की बच्ची को अस्पताल के टॉयलेट में जहाँ बच्ची के साथ की दुष्कर्म की कोशिश का मामला सामने आया है. पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है जिसके बाद में बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने अस्पताल पहुंचकर मामले को संज्ञान लिया और अस्पताल की सुुरक्षा पर सवाल उठाते हुुुए जांच की मांग की है वही पुलिस अधिकारियों की माने तो बच्ची केे परिजनों के आधार पर तहरीर लेकर कार्यवाही की जाएगी.

मझोला थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला को प्रसव के लिए महिला जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां महिला ने ऑपरेशन के बाद बच्चे को जन्म दिया.रविवार को जिला महिला अस्पताल में भर्ती अपनी मां से मिलने परिवार के साथ 6 वर्षीय बच्ची भी गई थी। करीब शाम को चार बजे बच्ची वार्ड के बाहर खेल रही थी. तभी एक युवक बच्ची को टॉफी का लालच देकर अपने साथ जिला अस्पताल में हड्डी वार्ड के समीप टॉयलेट में ले गया. वहां पर आरोपी ने बच्ची से दुष्कर्म की कोशिश करने लगा, तभी बच्ची जोर-जोर से रोने लगी। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर हड्डी वार्ड में मौजूद तीमारदार घटनास्थल की ओर दौड़े। तीमारदार को आते देख आरोपित बच्ची को छोड़कर भाग गया. तीमारदारों ने बच्ची को चुप किया। उसके बाद बच्ची को उसकी मां के पास ले गए. बच्ची से आरोपित के बारे में पूछताछ की तो बच्ची आरोपित के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाई.

मामले के संबंध सीओ सिविल लाइंस राजेश कुमार ने बताया कि बच्ची के परिजनों की शिकायत पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सोमवार को अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज हासिल कर आरोपित की पहचान की जा रही है और तीमारदारों की तहरीर प्राप्त होते ही तहरीर के आधार पर उचित कार्यवाही भी करि जायगी.

बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने मामले का संज्ञान लेकर सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए अस्पताल में पीड़िता के परिजनों से बातचीत की है उनका कहना है कि ऐसे में अस्पताल के अंदर कोई सुरक्षित नहीं रह गया है. यदि रात होती तो बच्ची की आवाज तक कोई सुन नहीं पाता. ऐसे में आरोपित बच्ची के साथ गलत काम भी कर सकता था. अस्पताल प्रशासन से मरीजों और तीमारदारों की सुरक्षा की मांग उठाई है.उनका कहना था कि आरोपित के सामने आने पर बच्ची को उसको पहचान लेगी.

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