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कोई मुझे पिल्ला या हरामजादा कहता हैं कोई गुरेज नहीं, लेकिन अगर इस बार बहके तो तुम्हारे फ्रिज में क्या सब चेक होगा - आज़म खान
चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए तीन दिन के बैन के बाद मुरादाबाद गटबंधन उम्मीदवार के समर्थन में जनसभा को सम्बोधित करने पहुँचे पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान ने मंच से अपना दर्द बयां करते हुए मुरादाबाद के वोटरों को डराने का काम किया और मीडिया पर भी जमकर भड़ास निकाली.
आज़म खान ने मंच सम्भालते ही अपने आप को असहाय बताते हुए कहा कि उनके ऊपर जुल्म हुआ हैं. वो आगे बोले कि में किसी तक़रीर के लिए नही आया हूँ, में अपना दर्द लेकर आया हूँ, यहां गेरो से कम, अपनो से ज्यादा दर्द मिलते हैं, में डराना चाहता हूं. आज के हालात से, आपका वजूद भी खतरे में हैं , और इतनी बड़ी साजिशो के तहत जबान बंदी की गई. रामपुर में उर्दू दरवाजा महज इस लिए गिरा दिया क्योकि वो आपकी जुबान हैं. वो काट दी जाए, पानी की टंकी गिरा दी जाए. लेकिन जो लोग इतने बड़े जालिम हो हजारो बच्चों के पानी का कनेक्शन काट दिया गया, ये आलम हैं दरिंदगी का है. मुझे मालूम हैं 1980 कि दरिंदगी जो यहां पर ईदगाह पर हुई थी. आज ये हमारी मजबूरी हैं हम कुछ याद नही दिलाना चाहते, ये कहने आये हैं, आपकी गफलत से हम जैसे लोगो को सजा मिलेगी. यही हाल हर कमजोर लोगो के साथ होने जा रहा हैं, इस वक्त में मुल्क में दो विचार धाराएं हैं, एक बापू के साथ हैं और एक विरोध में, ये चुनाव ये तय करेगा.
आज़म खान ने कहा कि मुझे ये एतराज नही कोई मुझे पिल्ला कहता हैं ,या हरामजादा कहता हैं, इन मीनारों की हिफाजत करो, कश्मीर से कन्याकुमारी तक क्या औकात हैं. आप लोगो की सोचने की बात है. दुश्मन एक हो गया तुम्हे बर्बाद करने के नाम पर, ये पहला मौका हैं अगर हाथ से निकाल दिया, तो हाथ मलते रह जाओगे, अंदाजा लगाओ उनकी तैयारी क्या हैं, में तुम्हारी गैरत हूं, अगर ये मेरी गलती हैं तो मेरे महुँ पर थप्पड़ मारो.
उन्होंने कहा कि अगर अब भी नही सुधरेगो तो ,तो तुम्हारे फ्रिज में क्या रखा था, सब चेक किया जाएगा और याद करो जब गुजरात में दंगे हुए ,क्या क्या नही सहना पड़े,तुम एक हो जाओ भाजपा की सरकार खत्म हो जाएगी, इंसाफ करने वाले इंसाफ करो. जालिमो से कहता हूँ आप भी इंसाफ करो, तीन दिन की पाबंदी के बाद आपके सामने आया हूँ. कांग्रेस नही जीत रही हैं, और में उन गद्दारो से कहता हूं, गु पर चांदी का वर्क लगा कर मत खाओ.
आज़म बोले, वही पिछले दिन दिनों में उनके साथ मीडिया ने भी साजिश की हैं ये किसी के नही हो सकते ,चैनल वाले तुम्हारे दुश्मन हैं. इन्होंने तीन दिनों तक मेरे लिए जो जबान की हैं ये सबके सामने हैं. बन्द कर दो खबरे देखना, ये कभी तुम्हारे नही थे, ये कभी तुम्हारे नही हो सकते, और हाँ दो दिनों में का बड़ा लेनदेन हुआ हैं, ये सिर्फ पैसे की भाषा जानते हैं. मेरे जिस्म में एक बूंद भी हराम की नही हैं. इनकी मंशा ये हैं कि यूनिवरसिटी पर बुलडोजर चलवा देंगे, मोदी ने आपके हाथ में झाड़ू दी थी में आपके बच्चों के हाथों में कलम देना चाहता हूं. वोट कटवो को अहसास दिला जो ईदगाह पर हुआ था. में अपना दामन फैला कर वोट मांग रहा हूँ.
आज़म खान आज जामा मस्जिद मैदान पर मुरादाबाद लोकसभा से गटबंधन प्रत्याशी एसटी हसन के समर्थन में जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने झोली फैलाकर वोट मांगे.