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एक मुर्दा दो धर्म: अल्लाह हो अकबर और राम नाम सत्य की आवाजें सुनाई, प्रसाशन के फूले हाथ पाँव

एक मुर्दा दो धर्म:  अल्लाह हो अकबर और राम नाम सत्य की आवाजें सुनाई, प्रसाशन के फूले हाथ पाँव
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मुरादाबाद में एक मुर्दा आदमी के शव के दो धर्म के लोग बने वारिश, पुलिस ने सूझबूझ से सुलझाई गुत्थी.

मुरादाबाद के थाना कटघर इलाके में बीमारी से एक शख्स की मौत हो जाती है जिसके बाद एक शव को लेकर दो अलग अलग समुदाय के लोग उस पर अपना हक जताने लगते हैं. हंगामा पुलिस चौकी पर भी होता है. किसी तरह पुलिस लोगों को समझा बुझाकर शांत करती है और शव यात्रा निकाली जाती है.


लेकिन शव यात्रा में दोनों समुदाय के लोग अपने अपने धार्मिक नारे लगाते हुए अर्थी को लेकर अंतिम संस्कार केलिए चल देते हैं. जिसके बाद पुलिस के भी हाथ पांव फूल जाते हैं. लेकिन गनीमत ये रही कि दोनों समुदाय के लोगों ने अपने अपने धर्म के अनुसार क्रिया कर्म की रस्मे पूरी की और धार्मिक नारों के बीच श्मशान में ले जाने के बाद मृतक को दफ़न कर दिया गया.

मुरादाबाद के थाना कटघर इलाके में एक शख्स की मौत के बाद अजब ही नजारा देखने को उस समय मिला जब कोई उसे चमन बताकर तो कोई रिजवान बताकर पुलिस चौकी पर हंगामा करने लगे. किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था. काफी हंगामा होने के बाद पुलिस के समझाने बुझाने के बाद जब चमन उर्फ़ रिजवान की शव यात्रा निकली तो दोनों समुदाय के लोगों में होड़ लग गयी. सभी ने अपने धर्म के अनुसार अंतिम क्रिया को अंजाम दिया और दोबारा हंगामे की स्थिति तब पैदा हो गयी जब अर्थी को कंधा देने वालों में कोई टीका लगाए हुए था तो कोई टोपी पहने हुआ था और अल्लाह हो अकबर और राम नाम सत्य की आवाजें सुनाई दे रही थी.

पुलिस के भी हाथ पाँव फूले दिखाई दे रहे थे. आगे आगे पुलिस और पीछे पीछे शव यात्रा. अर्थी को हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार श्मशान घात ले जाया गया जहाँ मुस्लिम भी मौजूद थे. एक तरफ चिता की तय्यारी तो दूसरी तरफ दफनाने के लिए कब्र तैयार हो रही थी. पूरा पुलिस प्रशासनिक अमला भी मौजूद था. वहां दोनों समुदाय में मौजूद लोग मृतक को कोई चमन बता रहा था तो कोई रिजवान होने का दावा कर रहा था. काफी घंटों बाद देर रात जय कारा वीर बजरंगी के नारों के साथ मृतक को मुस्लिम रीति रिवाज से दफ़न कर दिया गया.

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