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सांसद पिता पर दर्ज हो चुका है राष्ट्रद्रोह का मुकदमा, अब बेटे ने भी दी तालिबान को मुबारकबाद
अफगानिस्तान में कब्जा जमाने के बाद तालिबान अपनी छवि सुधारने के लिए हर मोर्चे पर काम कर रहा है। तालिबान के समर्थन में बयान को लेकर सांसद डा.शफीकुर्रहमान बर्क के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज होने के अगले दिन ही उनके बेटे मौलाना ममलूकुर्रहमान बर्क ने भी अफगानिस्तान फतह के लिए तालिबान को मुबारकबाद दे दी।
टीवी न्यूज चैनल को दिये गये इन्टरव्यू में मौलाना ममलूकुर्रहमान बर्क ने कहा कि अमेरिका जापान ब्रिटेन के अलावा रूस ने तालिबान से लड़ाई लड़़ी है। तालिबान ने हमला नहीं किया बल्कि यह सुपर पावर उनसे लड़ने गईं थीं। तालिबान ने भारत से भी कुछ नहीं कहा है। अफगानिस्तान में लड़ाई तालिबान का अपना मामला है। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने पर तालिबान को वह मुबारकबाद पेश करते हैं।
इससे पहले उनके पिता शफीकुर्राहमान ने सोमवार को तालिबान के समर्थन में कसीदे पढ़े थे. उन्होंने कहा था कि तालिबान एक ताकत है. उसने अमेरिका को अफगानिस्तान की सरजमीं से उखाड़ फेंका. उन्होंने तालबानी आतंकियों की तुलना भारत के स्वतंत्रता सेनानियों से करते हुए कहा था कि जब देश अंग्रेजों के कब्जे में था तो हिंदुस्तानियों ने मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी थी. सपा सांसद ने कहा था कि अफगानिस्तान पर अमेरिका का कब्जा था. इससे पहले रूस से देश पर कब्जा कर रखा था. लेकिन अफगानी आजाद रहना चाहते हैं.
तालिबान के समर्थन में बयान देने को लेकर मुकदमा दर्ज होने के बाद संभल के डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने बुधवार शाम को बयान जारी कर कहा था कि संसद,विधानसभा या सड़क मैंने हमेशा सच और हक बात कही है। भारत सरकार ने तालिबान को आतंकवादी संगठन घोषित नहीं करा है। मैंने कुछ गलत बयान नहीं दिया है। इसलिए झूठे मुकदमों से डर कर खामोश नहीं रहूंगा। हम कानूनी मदद लेंगे।