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SCST एक्ट पर हाईकोर्ट ने जारी किया डीजीपी को निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर थाने में दर्ज एससी-एसटी एक्ट की प्राथमिकी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। जिस में यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह को प्रयागराज हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है। तहरीर की जांच अवश्य कर लिया जाए। मजबूत यहां कोई ठोस वजह होने पर ही एससी-एसटी एक्ट लगाया जाए।
प्रयागराज हाईकोर्ट ने डीजीपी को सभी थानों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करने का निर्देश दिया है। मुजफ्फरनगर के चरथावल थाने में दर्ज एससी-एसटी एक्ट की प्राथमिकी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। जिस पर न्यायमूर्ति वीके नारायण और न्यायमूर्ति एसके सिंह यह आदेश दिया है। साथ ही याची नीरज कुमार मिश्र व अन्य ने याचिका में प्राथमिकी रद्द करने की मांग की है। याची का कहना है कि, एससी-एसटी एक्ट के तहत कोई अपराध न बनने के बावजूद उस पर धाराएं लगा दी गई हैं।
आईपीसी की धाराओं के तहत अपराध में 7 साल से अधिक की सजा नहीं हो सकती। एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(1) व 3(2)(1) के तहत प्राथमिकी के आरोपों से कोई अपराध बनता ही नहीं है। ऐसे में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने डीजीपी को सर्कुलर जारी करने का आदेश देते हुए इस मामले पर अगली सुनवाई 25 जनवरी मुकर्रर की है।