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यूपी सरकार के प्रति यूपी पुलिस के पीपीएस अफसरों की नाराजगी बढ़ी
उत्तर प्रदेश पुलिस के पीपीएस अफसरों के के जल का बुरा हाल है. कहीं पदों की भरमार है तो कहीं कुछ एक महीनों के फर्क के चलते दावेदारी नहीं है. तो कहीं पद के लिए सदस्य ज्यादा है तो कहीं दावेदार की लंबी कतार है. पद खाली नहीं है लेकिन लंबे समय से पीपीएस अफसरों की मांग है कि नियमों को शिथिल बनाकर पदों को भरा जाए. हाल ही में उन्होंने अपना विरोध भी जताया है. उनकी समस्याएं जल्द से जल्द सुलझाने के दावे भी हुए. लेकिन एक महीना होने को आया है परिणाम जस के तस बने हुए हैं. लेकिन पीपीएस अफसरों की मांग पर कोई फैसला अब तक उत्तर प्रदेश सरकार नहीं ले पाई है.
पीपीएस अफसरों के कैडर में इस कदर अनिमियतता है कि वर्ष 1993 से लेकर 2001 बैच में भर्ती हुए अफसर आज भी 7600 के पे ग्रेड में है. जबकि 1993 बैच के अफसरों को अब तक 8700 के ग्रेड पे में अर्थात एएसपी विशेष श्रेणी द्वितीय पर प्रमोट हो जाना चाहिए. लेकिन 8700 की श्रेणी में सिर्फ एक पद खाली है और जो दावेदार है. उस का लिफाफा बंद है. पीपीपीएस एसोसिएशन लंबे समय से 8700 ग्रेड पे के पद बढ़ाने की मांग कर रही है. वर्तमान में इसके कुल 60 पद हैं. एसोसिएशन की मांग है कि इन्हें बढ़ाकर दोगुना किया जाए.
सेवा शर्तों के घालमेल के चलते पीपीएस कैडर में अजब हाल है. 10000 के उच्च वेतनमान श्रेणी में 2 पद खाली पड़े हैं. इसके लिए 22 वर्ष की सेवा पूरा करने की शर्त है. लेकिन कोई भी अधिकारी इस शर्त को पूरा नहीं कर रहा है. पीपीएस अफसरों के इस पद को आईजी स्तर का माना जाता है. इसी तरह 8900 ग्रेड पे अर्थात एएसपी विशेष श्रेणी बंद के 11 पद खाली पड़े हैं. लेकिन यहां प्रमोट होने के लिए कोई भी अफसर 21 वर्ष की सेवा शर्तों को पूरा नहीं कर रहा है. 7600 ग्रेड पे के पद भी कुछ साल पहले बदली गई शर्तों के चलते खाली पड़े हैं. पहले 8 वर्ष की सेवा को पूरी करने वाले पीपीएस 7600 ग्रेड पे पर प्रमोट हो जाते थे. अब इस प्रमोशन के लिए 12 वर्ष सेवा पूरी करनी पड़ती है. हाल ही में ग्रेड पे के 34 खाली पड़े पदों में सिर्फ 18 ही भरे जा सके हैं. बाकी दावेदारों में किसी की एक माह तो किसी की 1 साल की सेवा कम निकल रही है. लिहाजा इस वजह से पीपीएस एसोसिएशन में नाराजगी बनी हुई है.