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- "आदतन अपराधी" साक्षी...
"आदतन अपराधी" साक्षी जोशी और विनोद कापड़ी के खिलाफ मैंने भी कराई FIR
पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने कहा कि मैने विनोद कापड़ी और उनकी पत्नी साक्षी जोशी के खिलाफ काउंटर एफआईआर करा दी है। कानून के मुताबिक साक्षी और विनोद की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। लड़ाई के भी उसूल होते हैं। मैं चाहता तो पहले एफआईआर कराता क्योंकि विनोद कापड़ी और उनकी पत्नी साक्षी जोशी ने पहले ही मेरे साथ सारी कानूनी सीमाएं पार कर दी थीं। पर मैं अपनी भलमनसाहत में चुप था। मगर जब विनोद कापड़ी की पत्नी साक्षी जोशी ने मेरे खिलाफ एक झूठी मनगढ़ंत एफआईआर कराकर मुझे परेशान करना चाहा तो मुझे अपनी तमाम भलमनसाहत और सह्रदयता को स्टोर रूम के हवाले कर अपने कानूनी अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए आगे आना पड़ा। साक्षी जोशी आदतन अपराधी औरत है जो इससे पहले भी कई लोगों के खिलाफ एफआईआर करा चुकी है। वहीं टीवी की दुनिया के "कुत्ता-बिल्ली सम्पादक" विनोद कापड़ी का ये पुराना तरीका है कि वो अपनी पत्नी साक्षी को आगे कर अपने विरोधियों पर मुकदमे करवाता है। इन्होंने मेरे साथ भी यही पुरानी ट्रिक इस्तेमाल करनी चाही। पर इन्हें शायद संविधान की ताकत और एक युवा शरीर मे दौड़ रहे ऊर्जा के समंदर का अंदाज़ा नही था।
पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने कहा कि साक्षी जोशी ने मेरी एक फेसबुक पोस्ट जो मैंने निर्मल वर्मा, काशीनाथ सिंह, ऑस्कर वाइल्ड और मंटो जैसे महान लेखकों के हवाले से लिखी थी, को जानबूझकर गलत रंग देते हुए मेरे खिलाफ एफआईआर करा दी। इतना ही नही एफआईआर में यह भी लिखवा दिया कि मैं उनके पति विनोद कापड़ी को जान से मारने की साजिश कर रहा हूं और मेरे डर के चलते साक्षी, विनोद और उनके बच्चे घर से बाहर नही निकल पा रहे हैं। सोचिए कैसी फ्राड एफआईआर लिखवा कर आई है ये औरत। फिर से लिख रहा हूँ कि साक्षी जोशी इसके पहले भी कई लोगों के खिलाफ एफआईआर करवा चुकी है। तरीका पुराना है। पति यानि विनोद कापड़ी लोगों से उलझता है, उल्टा सीधा बकता है, धमकाता है और फिर उसकी पत्नी यानि साक्षी जोशी बाहर निकलती है और उस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर कर देती हैे। इन दोनो आदतन अपराधियों का ये "पुराना" काम करने का तरीका है। मेरे मामले में भी इन्होंंने ऐसा ही किया। बस मियां बीबी से गलती ये हुई कि वे भूल गए कि ये इलाहाबाद की मिट्टी है। ये मिट्टी इतनी उर्वर है कि पीठ पर किए हर वार को सीने की आग बना देती है। अकबर इलाहाबादी लिख गए हैं-
"दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ
बाज़ार से गुज़रा हूँ ख़रीदार नहीं हूँ"
मैने विनोद कापड़ी और साक्षी जोशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। पहले साक्षी जोशी ने मेरे खिलाफ झूठी एफआईआर कराई थी।क्योंकि मैंने कूड़े के ढेर पर पाई गई एक बच्ची का "Use" कर अपनी फ़िल्म के प्रचार करने की घिनौनी साजिश एक्सपोज़ कर दी थी।मेरी एफआईआर में दोनो का पूरा चिट्ठा मौजूद है। pic.twitter.com/1WB8sygjWK
— abhishek upadhyay (@upadhyayabhii) July 16, 2019
पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने कहा कि इन मियां बीबी को लगा कि दूसरों की तरह मैं भी इनकी धमकी और एफआईआर की पुरानी स्क्रिप्ट खरीदकर चुप बैठ जाऊंगा। अपनी दर्ज कराई इस एफआईआर मेंं मैने तत्काल प्रभाव से विनोद और साक्षी के लैपटॉप और मोबाइल को जब्त करने के लिए भी कहा है ताकि ये आदतन अपराधी जरूरी साक्ष्य न मिटा सकें। विनोद कापड़ी पहले ही अपने कुछ ट्वीट डिलीट कर चुका है जिसमें एक महिला पत्रकार के बारे में लिखी गई बेहद ही सतही और घटिया स्तर की बात भी शामिल थी। ये सारे ट्वीट्स भी उस एफआईआर में दर्ज हैं।
पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने कहा कि मगर बात यहीं खत्म नही होती है। मैंने FIR में इनकी कम्पनी भागीरथी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड की भी जांच की मांग की है। ये दोनों आदमी-औरत इस कम्पनी के डायरेक्टर हैं। इस कम्पनी के सारे कागज़ात मैंने निकाल लिए हैं और ईडी व इनकम टैक्स के सुरक्षित हाथों में पहुंचा दिये हैं।
पत्रकार अभिषेक उपाध्याय ने कहा कि तो विनोद और साक्षी, तुम इस बार सही व्यक्ति से टकरा गए हो। विनोद कापड़ी सांप-बिच्छू-भूत-प्रेत चलाने वाला न्यूज इंडस्ट्री का असफल संपादक है जो हाल ही में टीवी 9 से निकालकर बाहर फेंका गया है क्योंकि चैनल टीआरपी में आखिरी नंबर पर था। मेरी बात पर यकीन न हो तो इसके ट्विटर एकाउंट पर जाकर देखिए ये टीवी 9 ग्रुप को लगातार गालियां दे रहा है। इसकी पत्नी साक्षी जोशी क्या है, ये जानने के लिए आप टोटल टीवी और इंडिया टीवी मे काम कर चुके किसी भी व्यक्ति से बात कर लीजिए और अगर वह भी नही मिले तो "ऋषि" से बात कर लीजिए। ऋषि कौन है, ये भी आपको इन्हीं दोनो चैनलों से मालूम पड़ जाएगा। बड़ी दिलचस्प कहानी है। विनोद कापड़ी अब तक दो असफल फिल्में बना चुका है पर अगर वो ऋषि वाले मामले पर फिल्म बनाएगा तो फिल्म हिट भी हो सकती है, कहानी में इतना मसाला है।
अब आखिर मेंं। मेरे दिल के बेहद करीब शायर फैज अहमद फैज कह गए हैं-
"हम देखेंगे
हम देखेंगे
लाज़िम है कि हम भी देखेंगे
वो दिन कि जिसका वादा है
लाजिम है कि हम भी देखेंगे.."