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आखिर आलोक सिंह बड़ी बेरुखी से रुखसत, कमिश्नरी से सीधे मुख्यालय किए अटैच, जानिए क्या रही वजह
![आखिर आलोक सिंह बड़ी बेरुखी से रुखसत, कमिश्नरी से सीधे मुख्यालय किए अटैच, जानिए क्या रही वजह आखिर आलोक सिंह बड़ी बेरुखी से रुखसत, कमिश्नरी से सीधे मुख्यालय किए अटैच, जानिए क्या रही वजह](https://www.specialcoveragenews.in/h-upload/2021/07/16/321537-ipsaloksingh.webp)
राजकुमार चौधरी
नोएडा । अभिमान कभी नहीं पालना चाहिए उसका एक न एक दिन अंत जरूर होता हैl यह कहावत इस वक्त गौतम बुध नगर के कमिश्नर और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आलोक सिंह पर सटीक बैठ रही हैl उन्हें नोएडा से रुखसत कर दिया गया हैl कमिश्नर आलोक सिंह की नई तैनाती पुलिस मुख्यालय लखनऊ में की गई है आलोक सिंह को लाइन हाजिर किया गया है l उनके स्थान पर तेजतर्रार महिला आईपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह को बतौर कमिश्नर नोएडा भेजा गया हैl शासन ने देर रात उत्तर प्रदेश में बड़े बदलाव किए है l
नोएडा एक अंतरराष्ट्रीय शहर है l इसकी सुरक्षा व्यवस्था और पुलिसिंग को और दुरुस्त करने के लिए शासन ने लगभग 3 साल पहले बड़ा फैसला किया थाl गौतमबुधनगर को कमिश्नरेट और आईपीएस अधिकारी आलोक सिंह को यहां कमिश्नर बनाकर भेजा गया था l नोएडा के नागरिकों का साफ आरोप है कि आलोक सिंह ने पुलिस को एक पॉलीटिशियन की तरह चलायाl श्रीकांत त्यागी प्रकरण में जिस तरह से पुलिसिंग हुई वह बेहद शर्मनाक थी । यह प्रकरण आलोक के साथ हमेशा जुड़ा रहेगा । पहले तो एक महिला के साथ अभद्रता करने वाले गुण्डे श्रीकांत त्यागी को कई दिनों तक आजाद छोड़ा उसके बाद उसको वी वी आई पी की तरह जेल भेजने की औपचारिकता निभाई गई । इससे यह मामला पूरी दुनिया में सुर्खी बना और नोएडा या यू कहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस की बदनामी हुईl गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद कार्रवाई के लिए गौतम बुध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा को स्वयं घटनास्थल पर जाना पड़ा और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एडीजी लाइन आर्डर प्रशांत कुमार व तत्कालीन एसीएस होम अवनीश अवस्थी को फोन करना पड़ा l शर्मिंदगी जाहिर करते हुए उनका एक वीडियो मीडिया पर भी वायरल हुआ l इस प्रकरण में भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े नेता मीडिया को जवाब देते थक गए l
सूत्र बताते हैं कि बड़ा राजनीतिक रसूख रखने वाले कमिश्नर आलोक सिंह ने गौतम बुध नगर में पुलिस कर्मियों व पुलिस व्यवस्था को अपना मोहरा बनाकर रख दिया था l उनके कार्यकाल के दौरान माफियाओं और घोटालेबाजों का राज रहा । भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता सिंगा पंडित के दो पैर सरेआम तोड़ दिए गए l आरोपियों को गिरफ्तार करने में नोएडा पुलिस नाकाम रही l नोएडा पुलिस इसे लेनदेन का मामला बताती रही । उत्तराखंड एसटीएफ ने तकरीबन 12 दिन बाद इस घटना का खुलासा किया और कुख्यात शूटरों को देहरादून से गिरफ्तार कर नोएडा पुलिस की पोल खोल दी l इस खुलासे के बाद नोएडा पुलिस ने अपनी राय बदली और उत्तराखंड पुलिस की राह पर इन्वेस्टिगेशन शुरू कीl इस घटना में शामिल एक सूटर को आनन-फानन में ग्रेटर नोएडा के कासना से गिरफ्तार करने का दावा किया गया l
सूत्र बताते हैं की आलोक सिंह की इसी अति की वजह से इनकी अपमानजनक विदाई हुई है l गौतम बुध नगर के कमिश्नर पद से हटाकर उन्हें सीधे लखनऊ मुख्यालय भेजा गया है l आईपीएस लॉबी में इस तरह की तैनाती को लाइन हाजिर माना जाता है l वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी लक्ष्मी सिंह को गौतमबुद्धनगर कमिश्नरेट का पुलिस आयुक्त बनाया गया हैl
वे 2000 बैच की IPS अधिकारी है ।
बता दें कि यूपी सरकार ने पिछले हफ्ते लखनऊ, गौतम बौद्ध नगर (नोएडा), वाराणसी और कानपुर के पुलिस कमिश्नरेटों के अलावा 3 नए पुलिस आयुक्तालयों की घोषणा की थीl राज्य सरकार ने इसी क्रम में कुछ और तबादले भी किए हैंl इसी क्रम में अशोक मुथा जैन को वाराणसी का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया हैl 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय मिश्रा को गाजियाबाद का कमिश्नर तैनात किया गया है वही 2004 बैच के आईपीएस और गौतम बुध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रहे I G डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह को आगरा का कमिश्नर तैनात किया गया है जबकि 1999 बैच के आईपीएस अधिकारी रमित शर्मा को प्रयाग राज की कमान सौंपी गई है ।