- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- नोएडा
- /
- जिले के सभी आंगनबाड़ी...
जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हुआ अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन
(धीरेन्द्र अवाना)
नोएडा।जनपद के सभी 1108 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गुरूवार को अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।इस कार्यक्रम में छह माह पूर्ण कर चुके बच्चों के परिवार के सदस्यों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुलाकर उन्हें बच्चों को ऊपरी आहार देने के संबंध में पूर्ण जानकारी दी गयी।छह माह के पश्चात मां का दूध बच्चे के शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु पर्याप्त नहीं रह जाता ।छह से आठ माह तक की आयु तक बच्चों को 200 ग्राम की कटोरी की माप से आधा कटोरी दिन में दो बार मसला हुआ एवं नरम भोजन अलग कटोरी में खिलाना अत्यंत आवश्यक है, इसके साथ स्तनपान जारी रखा जाना है। बच्चे को गाढ़ी दाल, मसली नरम खिचड़ी,दलिया,मसले फल खिलाए जा सकते हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा छह माह के बच्चों को केंद्र पर आमंत्रित करने के लिए आकर्षक आमंत्रण पत्र तैयार कर उनके परिवारों को दिए गये। गुरूवार को 1100 बच्चों का अन्नप्राशन किया गया।जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी ने बताया कि जनपद में इस बार अन्नप्राशन दिवस पर माताओं को बुलाने के लिए विशेष रूप से आमंत्रण पत्र तैयार किये गये।यह आमंत्रण पत्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने हाथों से तैयार किये।
आमंत्रण पत्रों पर अलग-अलग स्लोगन भी लिखे गये थे, जैसे ' कोई बहाना नहीं होगा, अन्नप्राशन दिवस जरूर मनाना होगा', 'छह माह के बाद मां के दूध के संग अर्ध ठोस आहार, बने चुस्ती, फुर्ती और मजबूती का आधार' । स्लोगन के अलावा कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आकर्षक चित्रकारी भी थी। कुछ ने आमंत्रण पत्र पर लिख दिया कि बच्चे को क्या खिलाएं। आमंत्रण पत्र हर उन माताओं को व्यक्तिगत रूप से दिये गये, जिनके बच्चे छह माह के हो गये हैं। सभी को सपरिवार बुलावा दिया गया।
उन्होंने बताया सभी का आह्वान किया गया कि बच्चों को स्वस्थ एवं पुष्ट बनाने के इस जनांदोलन में अपनी महत्वपूर्ण सहभागिता देकर बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के साथ ही एक स्वस्थ एवं सुदृढ राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनें। जेवर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता राजबाला ने बताया व्यक्तिगत आमंत्रण पत्र देने से महिलाओं की उपस्थिति बढ़ी।जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बच्चों को स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी आहार की भी अत्यंत आवश्यकता होती है, इसलिए उनको उचित मात्रा में ऊपरी आहार देना जरूरी है।
इससे शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास तेजी से होता है। अलग-अलग केन्द्रों पर मनाये गये कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कटोरी चम्मच बच्चे की माताओं को देकर समझाया कि माप के अनुसार बच्चों को आहार देते रहना चाहिये। सभी को यह भी बताया गया कि यदि बच्चों को ऊपरी आहार नहीं दिया जाएगा तो वह कुपोषण का शिकार हो जाएगा।
गेझा आंगनबाड़ी केन्द्र पर अपने बच्चे को लेकर पहुंची सुमित्रा देवी ने कहा कि इस कार्यक्रम से हमें बच्चे के आहार के संबंध में काफी जानकारी मिली, यहां हमें पता चला कि बच्चे को क्या फायदा करता है क्या नुकसान। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चे को बिस्कुट ज्यादा देते थे, यहां पता चला कि ज्यादा बिस्कुट नुकसान करता है, ताजा बना और पौष्टिक आहार या ताजा फल देना चाहिए।