नोएडा

बीजेपी के गले की फाँस ना बन जाए रोजगार का मुददा

Special Coverage News
11 Oct 2018 4:20 AM GMT
बीजेपी के गले की फाँस ना बन जाए रोजगार का मुददा
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अब देखना यह है कि आगामी चुनाव में राजनेता इनका उल्लू बनाते या ये राजनेताओं को मुर्गा बनाते है। ये पब्लिक है सब जानती है।

धीरेन्द्र अवाना

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर एक ऐसा जिला जहा से प्रदेश सरकार को सबसे ज्‍यादा राजस्‍व मिलता है। इसी लिए ये जिला चर्चाओं का कैंद्र बना रहता है। जिला गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा और नोएडा शहर देश के हाईटेक शहरों में शुमार हैं।बात करे ग्रेटर नोएडा की तो यह क्षेत्रफल की दृष्टि से नोएडा से बहुत बड़ा है। यह बहुत ही कम समय मे यह शहर देश विदेश में अपनी पहचान बना चुका है।


लेकिन इस शहर को यह सब देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका यहा के किसानों की है। किसानों ने अपनी जमीन देकर इस शहर को बसाने में योगदान दिया। फिर भी आज किसानों को प्राधिकरण द्वारा नजरअंदाज किया जाता है।सबसे बड़ी बात है कि जिन किसानों की जमीन पर ग्रेटर नोएडा शहर बसा है उनको अपनी जमीन की उचित कीमत नही मिली है व उनके बच्चों को अच्छे स्कूल या कॉलेज में शिक्षा नही मिल पायी है। ओर तो ओर पढ़ लिख जाने के बाद भी उनको रोजगार के धक्के खाने पड़ते है।योग्यता होने पर भी उन्हें निजी कंपनियों में नही रखा जाता है।जबकि ग्रेटर नेएडा प्राधिकरण ने किसानों की जमीन लेते समय वादा किया था कि आपकी जमीन की उचित कीमत,बच्चों के पढ़ने के लिए निजी स्कूलों में दाखिला व युवाओं को योग्यता के अनुसार नौकरी मिलेगी।लेकिन प्राधिकरण ने ये सब वादे करके किसानों को गुमराह किया।


आज किसान अपने आप के ढ़गा सा महसूस कर रहे है। अब स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर इसके खिलाफ आवाज उठाने निश्चय किया है।कई बार इस समस्या को लोगों ने बिजेपी विधायक तेजपाल नागर के समक्ष रखा लेकिन विधायक द्वारा संतोषपूर्ण जवाब न मिलने के बाद लोगों ने आर पार की लड़ाई लडने का फैसला किया।लोगों को उम्मीद थी कि सत्तापक्ष के विधायक सरकार से इस सम्बंध में बात करके कोइ समाधान निकालने की कौशिश करेगे। लेकिन कुछ भी न होने पर लोग आक्रोशित है। कुछ लोगों विधायक से इतने नाराज है कि वो कहते है कि इस का हिसाब हम 2019 में लेंगे। इस विषय की गंभीरता को देखकर कुछ सामाजिक संगठनों व जिला पचायत सदस्य रविन्द्र भाटी ने जोर शोर से उठाना शुरु कर दिया है व इसको रोजगार दिलाओ आन्दोलन का नाम दिया।जिसके चलते क्षेत्र के हजारों बेरोजगार युवाओं का जन सैलाब इनके साथ हो लिया।


आपको बता दे कि नो जुलाई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने नोएडा के सेक्टर 81 में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फैक्ट्री का उद्घाटन किया था।सैमसंग कंपनी ने इसके लिए करीब 4915 करोड़ का निवेश किया था।उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने यह आश्वाशन दिया था कि इस यूनिट में 70 हजार लोगों को रोजगार दिया जाएगा।आज इस वादे को करीब तीन माह हो चुके है लेकिन कंपनी ने आज तक 70 लोगों को भी रोजगार नहीं दिया।अब लोगों को बिजेपी की कथनी ओर करनी का फर्क समझ में आ गया है।इतना समय बीत जाने के बाद अब किसानों का धैर्य जवाब दे गया है। जिसके बाद सैकड़ों किसानों ने कंपनी के बाहर जमकर हंगामा काटा।


वही मौके पर हंगामा बढ़ने से पहले ही आरएएफ समेत भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। लोगों का कहना है कि हम सभी को कंपनी ने और सरकार ने दोनों ने ही ठगा है लेकिन अब सैमसंग कंपनी को नोएडा में उनकी जितनी भी इकाई हैं सभी मे यहाँ के स्थानीय लोगों को 50 प्रतिशत नोकरी देनी पड़ेगी। अभी हम गाँधी वादी तरीके से अपनी बात रखने आये हैं लेकिन यदि उनकी मांगें नहीं मानी गयीं तो आगे उनका आंदोलन उग्र हो जाएगा। सरकार और कंपनी से ही ठगे इन लोगों के पास प्रदर्शन के अलावा ओर कोई रास्ता नहीं बचा है। मौके पर पहुँचे सिटी मजिस्ट्रेट ने किसानों को आश्वासन दिया कि जल्दी ही वो किसानों के साथ एक बैठक करेंगे और किसानों की बात को कंपनी के लोगों के आगे रखेंगे। अब देखना यह है कि आगामी चुनाव में राजनेता इनका उल्लू बनाते या ये राजनेताओं को मुर्गा बनाते है। ये पब्लिक है सब जानती है।

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