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- बजट ने देश के बड़े...
नोएडा (धीरेन्द्र अवाना) : आज मोदी सरकार द्वारा देश का बजट पेश किया जा रहा है जिसको लेकर मीडिया में पिछले कुछ दिनों से गरमा गरम बहस चली हुई है देश के राष्ट्रीय चैनल इस बार पेश होने वाले बजट को उम्मीद भरा बताने की कोशिश कर रहे हैं जबकि देश की हार आर्थिक हालत बिगड़ी हुई है लोग आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या कर रहे हैं।
2014 के बाद से जितने भी बजट मोदी सरकार ने पेश किए हैं उसके बाद लगातार मध्यम वर्ग एक गरीब वर्ग की कमर टूटी है लोगों को तीन वक्त का भोजन नसीब नहीं हो रहा है नौकरियां छूट रही है देश के मध्यमवर्गीय परिवारों ने अपने खर्च किए जाने वाले बजट खासकर रसोई के खर्चे में भी कटौती करने लगे हैं।
2014 के बाद पेश होने वाले बजट में केवल देश के चुनिंदा धनाढ्य परिवारों को ही टारगेट रखकर फायदा दिया जा रहा है सरकार का फोकस बजट से लोगों को राहत देने का नहीं बल्कि बजट का मीडिया में गुणगान करके चुनावी फायदा लेने पर ज्यादा होता है।मोदी सरकार का बजट इसलिए भी कारगर साबित नहीं होता क्योंकि पूरी मोदी सरकार स्थानीय निकाय चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक जीतने में अपना समय का 95 फ़ीसदी हिस्सा बर्बाद करती है यही वजह है कि देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बाद देश के बड़े-बड़े मंत्रियों के अधिकतर मंत्रियों के नाम तक नहीं जानती है इस बार भी बजट में कोई नई चीज जनता को राहत देती हुई नहीं दिखाई दी बल्कि यह भी बजट भी धनाढ्य लोगों को राहत देने वाला साबित हुआ।इस बजट में किसानों को कोई फ़ायदा नहीं होने वाला इस से ये स्पष्ट हो गया है की ये सरकार किसान विरोधी है।इस बजट में युवाओ को नौकरी देने ओर बेरोज़गारी को ख़त्म करने के विषय में भी कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये है जिसके कारण युवा वर्ग अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है।