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नोएडा-ग्रेटर नोएडा में होम बॉयर्स के लिए बड़ी खुशखबरी, सरकार कर रही है ये तैयारी
नई दिल्ली : केंद्र और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सालों से अपने घर का सपना देखने वाले 3 लाख लोगों को बड़ी सौगात देने की तैयारी में है। सरकार उन लोगों को राहत देने की तैयारी कर रही है, जिन्होंने नोएडा-ग्रेटर नोएडा इलाके में फ्लैट लेने के लिए बिल्डरों के प्रोजेक्ट्स में बुकिंग कराई है, लेकिन 5 से 7 साल बीत जाने के बाद भी बिल्डर्स ने फ्लैट का काम पूरा नहीं किया है।
अब केंद्र और यूपी सरकार ने इस काम को पूरा करने के लिए एक मैकेनिज्म तैयार किया है, जिसके तहत जल्द ही इन फ्लैट का काम पूरा कर लिया जाएगा। इस काम में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की भी मदद ली जाएगी। इस मुद्दे पर वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में बैंक प्रमुखों की बैठक में भी इस मैकेनिज्म पर चर्चा की गई। मीटिंग में रीयल्टी सेक्टर के लिए एक स्ट्रेस फंड बनाने पर विचार मंथन हुआ। कहा जा रहा है कि सरकार जल्द ही इस मामले में बड़ा ऐलान कर सकती है। इस मैकेनिज्म में नोएडा में निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का काम NBCC जैसी सरकारी कंपनियां कर सकती है। इन कंपनियों को नोएडा की बिल्डर्स कंपनियों की संपत्तियां दी जाएंगी, जिसे गिरवी रखकर या उन्हें बेचकर जो पैसे आएंगे उससे लटके हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का काम किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, नोएडा के इन बिल्डरों के पास जमीन या उस जैसी कई अचल संपत्तियां हैं। सरकार उन अचल संपत्तियों का इस्तेमाल अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करवाने में कर सकती है। इस मैकेनिज्म के तहत तय समय में फ्लैट के निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन अभी इसकी समय सीमा तय नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक मैकेनिज्म को लेकर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के बीच कई राउंड की बातचीत हो चुकी है।
जेपी इन्फ्राटेक, आम्रपाली और लोटस 3C की ग्रेनाइट गेट जैसी रीयल्टी कंपनियों को दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही हैं। अकेले आम्रपाली ग्रुप में ही 43 हजार अपार्टमेंट्स फंसे हैं। उसके पास 10 हजार नए फ्लैट्स बनाने की जमीन खाली पड़ी है। उसी तरह, जेपी के पास 3,500 एकड़ खाली जमीन है जिसे बेचकर फंड जुटाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, सुपरटेक, यूनिटेक और 3C ग्रुप के पास भी अच्छी-खासी जमीन खाली पड़ी है जिसे डिवेलप किया जा सकता है।