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IPS वैभव कृष्ण को योगी सरकार ने दिया ईमानदारी का तोहफा
लखनऊ : उत्तर पदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने आईपीएस अधिकारी वैभव कृष्ण को अब गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) का एसएसपी नियुक्त करके एक ईमानदार अधिकारी को पुरस्कृत किया है। वैभव कृष्ण उन गिने चुने आईपीएस अधिकारियों में गिने जाते है जो भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने में महारत हासिल किये हुए है। मूलरूप से आईपीएस वैभव कृष्ण वेस्ट यूपी के बागपत जिले के रहने वाले हैं। वैभव कृष्ण को 2009 में आईपीएस चुना गया और 2010 में यूपी कैडर मिला।
वैभव कृष्ण अब तक गाजीपुर से लेकर एटा, इटावा और गाजियाबाद जैसे संवेदनशील जिलों में भी अपनी ईमानदार और हर आदमी को न्याय दिलाने की हेकड़ी से जिला चलाते आये है। उनके बारे में एक नहीं कई मिशाल बनी हुई है। उनका कहना है कि पुलिस आम जनता को सुरक्षा देने के उद्देश्य से बनाई गई है तो उसको न्याय दिलाना हमारा हर संभव प्रयास होना चाहिए। वैभव जिस जिले में रहते है अपनी छाप छोड़ देते है. नेता उनको कभी भूलते नहीं है तो जनता उनको सर आँखों पर बिठा लेती है।
वैभव कृष्ण के बारे में कहा जाता है कि जब उनको पहले जिले में तैनाती मिली तो उनका ट्रांसफर राजनैतिक कारणों से हो गया। जनता को जब इस बात की भनक लगी तो जनता सडक पर उतर आई थी और रोकने के लिए धरना प्रदर्शन भी किया था। फिर उन्होंने सामने आकर सबको समझाया और कहा कि ट्रांसफर पोस्टिंग एक प्रक्रिया है इससे सबको गुजरना पड़ता है। उनके ईमानदार होने के बारे में एक और मिशाल है कि जब बो गाजीपुर आवास से विदा ले रहे थे तो उनके विदा लेने के चंद घंटे बाद ही उनके आवास की छत भरभरा कर गिर गई थी। जिसकी चर्चा महीनों रही थी।
डायल 100 पर ऑन द स्पॉट एफआईआर की शुरुआत की
जिले में बढ़े अपराधों और आम लोगों में पुलिस की बिगड़ती छवि के कारण मार्च महीने में तत्कालीन एसएसपी एचएन सिंह को हटाकर वैभव कृष्ण को इटावा से गाजियाबाद में एसएसपी बनाकर भेजा गया था। आते ही उन्होंने अपराधियों पर लगाम कसनी शुरू कर दी थी। गाजियाबाद में कई बड़ी घटनाओं का उनके कार्यकाल में खुलासा हुआ और शातिर अपराधी जेल गए। इसके बाद न केवल उन्होंने थानों में दलालों के प्रवेश पर रोक लगाने की थानेदारों को सख्त हिदायत दी बल्कि एफआईआर दर्ज न होने की शिकायतों को दूर करने के लिए ऑन द स्पॉट एफआईआर दर्ज करने की शुरुआत की। इसका नाम उन्होंने डायल एफआईआर दिया। इसके तहत यदि किसी के साथ कोई वारदात होती है तो पुलिस मौके पर जाकर एफआईआर दर्ज करेगी। अपनी तरह की पहली शुरुआत कर वह प्रदेश भर में चर्चाओं में आ गए थे।
जिससे आम पीड़ित रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए भटकता नजर नहीं आया. उनकी इस बात को पुलिस महानिदेशक ने भी सही माना था. इसके बाद उन्होंने वादी दिवस, परी दिवस, ऑपरेशन चक्रव्यूह, ऑपरेशन आल आउट समेत कई कार्यक्रम चलाये जिनके अच्छे परिणाम आये। गाजियाबाद में उनको लेकर जनता आज भी याद करती है।
अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी ईमानदार छवि को देखते हुए उनको प्रदेश के महत्त्वपूर्ण जिले गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) की जिम्मेदारी सौंपी है। मंगलवार देर रात उनके नोएडा पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। अब उनके आने से नोएडा पुलिस में भी कई बदलाव आने की उम्मीद है।