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नोएडा से क्यों कर रहे है पलायन लोग? उधर सीएम पहुंचे लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे पर
लखनऊ : देश के तमाम हिस्सों से उत्तर प्रदेश वापस लौट रहे लोगों को सकुशल उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाग लगातार प्रयास कर रहे हैं. रविवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोहान रोड स्थित टोल प्लाजा पर वापस आ रहे लोगों से मुलाकात की और उसने साथ उनका दर्द साझा किया. इसके बाद, मुख्यमंत्री योगी ने पहले उन क्वारंटाइन और आइसोलेशन सेंटर का भी औचक निरीक्षण किया, जहां पर पलायन कर आ रहे लोगों को 14 दिन तक रखा जाएगा.
मोहान रोड स्थित टोल प्लाजा से मुख्यमंत्री योगी आलमबाग बस स्टैंड पहुंचे. जहां देश के विभिन्न हिस्सों से वापस आ रहे लोगों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की. आलमबाग बस अड्डे पर मौजूद अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश, निदेशक परिवहन समेत अन्य अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी. साथ ही, यह भी जानकारी दी गई कि वहां पहुंचने वाले राहगीरों को पानी की बोतल, बिस्कुट के पैकेट सहित अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया जा रहा है.
भूख की तड़प ने शुरू कराया पलायन
आपको बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया गया है. लॉक डाउन के बाद, दिल्ली-एनसीआर सहित देश के तमाम औद्योगिक शहरों में कामकाज ठप्प हो गया. इन शहरों में काम करने वाले मजदूरों की भूख की तड़प ने उन्हें अपने गांव की तरफ रुख करने के लिए मजबूर कर दिया. चूंकि लॉक डाउन के चलते बस और ट्रेन बंद थी, लिहाजा लोगों ने पैदल ही अपने घर की तरफ चलना शुरू कर दिया. वहीं, जैसे ही यह खबर मुख्यमंत्री तक पहुंची, उन्होंने लोगों की सहूलितय के लिए बसों का इंतजाम करना शुरू कर दिया.
नोएडा में कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक मामले
इस बीच, परिवहन विभाग ने 1000 बसें अधिगृहित कर लोगों को उनके गंत्वय तक पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है. आपको बता दें कि कोरोना के मरीजों का आंकड़ा अब भी लगातार तेजी के साथ बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश में अब तक कुल 65 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. प्रदेश में कोरोना के कल सबसे ज़्यादा 14 केस पॉजिटिव मिले है. जिसमें नोएडा के 9, वाराणसी का 1 और मेरठ के 4 केस शामिल हैं. नोएडा की स्थित बेहद खतरनाक मानी जा रही है, जहां कुल 27 लोगों में कोरोना केस की पुष्टि हुई है.
कहीं भीड़ में न हो कोई संक्रमित व्यक्ति
दिल्ली-एनसीआर से घर को निकलने वाले लोगों के लिए बस का इंतजाम तो हो गया, लेकिन अब यह डर भी सताने लगा था कि इस भीड़ में एक भी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति हुआ तो वह न जाने कितनों को संक्रमित कर देगा. इस आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्वारंटाइन सेंटर बनाने के आदेश दिए. रातों-रात सरकारी इमारतों और स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील कर दिया गया. मुख्यमंत्री योगी ने आदेश दिया है कि इन लोगों को पहले 14 दिन क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाए. क्वारंटाइन के दौरान, कोरोना वायरस के लक्षण दिखते ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाए.
14 दिन के क्वारंटाइन के बाद ही भेजे गांव
सीएम योगी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो लोग भी बाहर से आए हैं, सबसे पहले उनको ज़िला मुख्यालय पर जिला प्रशासन का कोई ज़िम्मेदार अधिकारी रिसीव करे, यह सुनिश्चित कराए कि उनका भोजन-पानी सब हो गया है या नहीं. साथ ही, तत्काल सभी की मेडिकल जांच कराकर इन सभी को पहले चौदह दिनों के लिए जिला मुख्यालय पर ही क्वरंटाइन किया जाए. हेल्थ चेकअप दौरान इनमें जो लोग जरा भी बीमार दिखें, उन्हें तत्काल ज़िला अस्पताल में आइसोलेशन में भेज दिया जाए. बाकी लोगों को जिला मुख्यालय पर विद्यालय सरकारी इमारतों, स्कूलों और हॉस्टल आदि लेकर 14 दिनों तक की निगरानी में रखने के बाद ही गांव में भेजा जाए.