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- आम्रपाली ग्रुप के...
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ केस दर्ज किया है. इस ग्रुप पर दिल्ली और एनसीआर में घर खरीदारों के हजारों करोड़ रुपये ठगने का आरोप है. ईडी ने आम्रपाली ग्रुप के डायरेक्टर के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. 40 हज़ार से ज्यादा निवेशकों की रक़म हड़पने का आरोप है. आम्रपाली ग्रुप के पास निवेशकों की 5 हज़ार करोड़ रक़म बताई जाती है.
कंपनी के खिलाफ दिल्ली और नोएडा में कई एफआईआर पहले से ही दर्ज हैं. आम्रपाली ग्रुप की 46 रजिस्टर्ड कंपनियां हैं जिनकी ईडी जांच करेगी. जल्द ही आम्रपाली के डायरेक्टर से ईडी करेगी पूछताछ. आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा और अन्य डायरेक्टर जेल में हैं.
आपको बता दें कि सरकारी कंपनी एनबीसीसी ने सुप्रीम कोर्ट से अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए 8500 करोड़ रुपये की लागत की बात कहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में फंसे 46,575 फ्लैटों का निर्माण करने का जिम्मा एनबीबीसी को दिया है.
बता दें कि कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पवन अग्रवाल और रवि भाटिया को फॉरेंसिक लेखा परीक्षक नियुक्त किया था. इस दोनों ने रिपोर्ट में बताया था कि 455 करोड़ रुपए फर्म के निदेशकों और उनके परिवार के सदस्यों और 321 करोड़ 31 लाख रुपए फर्म द्वारा बेचे गए 5 हजार 856 फ्लैट की वर्तमान बाजार कीमत के हिसाब से वसूले जा सकते हैं. इसके साथ ही 3 हजार 487 कोरड़ आम्रपाली समहू के 14 प्रोजक्ट में फ्लैट का कब्जा लेने वालों से वसूले जा सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह से पहले ही पूछा कि कंपनी फंड से समूह के निदेशकों के 152 करोड़ रुपए का आयकर भुगतान कैसे कर दिया गया? आम्रपाली ग्रुप के 11 अलग-अलग प्रोजेक्ट में 5 हजार 229 फ्लैट्स अभी बिना बिके पड़े हैं. इन्हें बेचने पर लगभग 2 हजार करोड़ रुपए मिल सकते हैं.
आम्रपाली समूह पर हजारों करोड़ बकाया
आम्रपाली ग्रुप पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का भी लगभग 6 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो पॉवरफुल लोग इसके पीछे है उन सब के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी.