नोएडा

दादरी विधायक के पत्र पर मचा घमासान!

Special Coverage News
28 Sep 2018 3:03 AM GMT
दादरी विधायक के पत्र पर मचा घमासान!
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धीरेन्द्र अवाना

ग्रेटर नोएडा। प्रदेश सरकार को सबसे ज्‍यादा राजस्‍व देने वाला जिला गौतमबुद्धनगर के ग्रेटर नोएडा और नोएडा शहर देश के हाईटेक शहरों में शुमार हैं। बात करे ग्रेटर नोएडा की तो यह क्षेत्रफल की दृष्टि से नोएडा से बहुत बड़ा है।यह बहुत ही कम समय में अंतराष्ट्रीय क्षितिज पर अपनी पहचान बना चुका है। शहर में सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं मौजूद हैं। मेट्रो का आगमन भी जल्द होने जा रहा है।


यहां कुल पांच विश्‍वविद्यालय के अलावा नॉलेज पार्क सेक्‍टर एजुकेशन का हब है,जहां देश-विदेश के छात्र भी पढ़ते हैं।लेकिन इस शहर को यह सब देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका यहा के किसानों की है।फिर भी आज किसानों को प्राधिकरण द्वारा नजरअंदाज किया जाता है। सबसे बड़ी बात है कि जिन किसानों की जमीन पर ग्रेटर नोएडा शहर बसा है उनको अपनी जमीन की उचित कीमत नही मिल पाती है व उनके बच्चों को रोजगार नही मिल पाता है। योग्यता होने पर भी उन्हें निजी कंपनियों में नही रखा जाता है। इस विषय को कुछ सामाजिक संगठनों व जिला पचायत सदस्य रविन्द्र भाटी ने जोर शोर से उठाया व इसको रोजगार दिलाओ आन्दोलन का नाम दिया। जिसके चलते क्षेत्र के हजारों बेरोजगार युवाओं का जन सैलाब इनके साथ हो लिया।


अपना वोट बैंक खिस्कते देख दादरी विधायक तेजपाल नागर ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होने मांग की कि निजी कंपनियों में 20 से 40 प्रतिशत स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाए। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि जो पत्र विधायक जी ने लिखा है वह एक फर्जी पत्र है। क्योंकि इस पत्र पर कोई क्रमांक संख्या अंकित नही है।विधायक जी आखिर कब तक इस तरह क्षेत्र के सीदे-सादे लोगो का मुर्ख बनाते रहेंगे।





आज तक ऐसा नही हुआ कि प्रदेश के मुख्य सचिव को कोई विधायक पत्र लिखे और वह भी बिना पत्रांक संख्या अंकित किए हुए हो।गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्य सचिव के यहा कोई भी पत्रावली बिना पत्रांक संख्या के अग्रसारित नही होती हैं। इस बात को तो अनपढ से अनपढ आदमी भी जानता है। जबकि हम यह सोचकर खुश रहते है कि हमारे विधायक एक अध्यापक है ।लेकिन इस फर्जी पत्र से हमारे पढे लिखे माननीय विधायक जी की पोल खुल जाती है। इस सम्बंध में जब हमने विधायक जी से बात की तो उन्होने बताया कि मैने इस विषय को विधानसभा में भी उठाया है। अगर पत्र की बात करे तो मै स्वयं व्यक्तिगत रूप से मुख्य सचिव से मिला था। उसमें गलती से पत्रांक संख्या लिखना भूल गया हूँ।

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