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एसएचओ के प्राइवेट नौकर ने थाने में बने महिला बैरक में सो रही महिला कांस्टेबल से कुंडल व मोबाइल छीनने का किया प्रयास
नोएडा: जहाँ एक तरफ नोएडा में पुलिस अपराध पर रोकथाम के भरसक प्रयास कर रही है वही दूसरी तरफ नोएडा में एक ऐसा मामला देखने को मिला जहाँ पुलिस थाने की सुरक्षा के ऊपर भी सवाल खड़े होने शुरू हो गए है। दरअसल घटना ब्रहस्पतिवार-शुक्रवार की रात की है जब एक महिला कांस्टेबल थाने में बने बैरिक में सो रही थी। थाने में बनी बैरक में फर्स्ट फ्लोर पर रहने वाली महिलाओं के लिए वाशरूम की व्यवस्था उपलब्ध नही होने के कारण ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाली महिला कांस्टेबल गेट बंद नही करती है।
महिला कांस्टेबल को रात में नींद की अवस्था मे महसूस होता है कि कोई उनके कानों में पहने सोने के टॉप्स को हाथ लगा रहा है जिससे महिला कॉन्स्टेबल की नींद खुल जाती है। आँख खुलने पर महिला देखती है कि एक पूर्व एसएचओ का नौकर उनके कानों के टॉप्स व मोबाइल चोरी करने का प्रयास कर रहा है। महिला कांस्टेबल तुरंत पूर्व एसएचओ के नौकर दिलीप के दोनो हाथ पकड़ लेती है और शोर मचाकर आसपास सो रही महिला कांस्टेबल को जगा देती है।
जिससे भयभीत होकर नौकर दिलीप महिला कॉन्स्टेबल से दोनो हाथ छुड़ा कर भाग जाता है। महिला आरक्षियों के द्वारा दिलीप का पीछा किया जाता है लेकिन दिलीप तेजी से भागते हुए थाने के पिछले गेट से रफूचक्कर हो जाता है।
वही जब इस मामले में डीसीपी नोएडा राजेश एस ने बताया कि दिलीप एक पूर्व एसएचओ का प्राइवेट नौकर है उसके द्वारा चोरी का प्रयास किया गया। महिला आरक्षी द्वारा शिकायत करने पर मुकदमा दर्ज कर दिलीप को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
ऐसे में कई बड़े सवाल खड़े होते है:
क्या महिला कॉन्स्टेबल थाना परिसर में बने महिला बैरक में भी सुरक्षित नही है?
महिला बैरक में घुस चोरी का प्रयास करने वाला एक एसएचओ का नौकर है वह किसकी शह पर महिला बैरक में घुसने की हिम्मत कर पाया?
क्या महिला बैरक में कोई सुरक्षा इंतजामात नही किये गए है?
क्या महिलाओं के बैरक में घुस अपराधी बड़े अपराध को अंजाम दे सकता है?