नोएडा

नोएडा में नौकरी दिलाने वाला पूर्व लोकसभा उम्मीदवार डॉ बृजेश कुमार वर्मा गिरफ्तार

Shiv Kumar Mishra
20 Dec 2020 10:22 AM GMT
नोएडा में नौकरी दिलाने वाला पूर्व लोकसभा उम्मीदवार डॉ बृजेश कुमार वर्मा गिरफ्तार
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नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर बेरोजगारों से ठगी करने वाला शातिर जाल साज 2 साथियों समेत गिरफ्तार

नोएडा: थाना सेक्टर 24 क्षेत्र अन्तर्गत मोरना बस स्टैण्ड के पास से भोले भाले बेरोजगार लोगो से धोखाधड़ी कर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लेने वाला शातिर जालसाज अभियुक्त डॉ0 बृजेश कुमार वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसके कब्जे से 41,500 रूपये तथा निशानदेही पर दस्तावेज, मोबाइल फोन, डेस्कटॉप कम्प्यूटर आदि बरामद हुए है. साथ ही उसके दो अन्य साथी महेश पटेल पुत्र छेदालाल निवासी ग्राम परम थाना मिलक जनपद रामपुर वर्तमान निवासी डायट कैम्पस दनकौर ग्रेटर नोएडा, अभियुक्त राजवीर उर्फ राजू पुत्र कालीचरण निवासी हसनपुर जागीर थाना दनकौर ग्रेटर नोएडा भी गिरफ्तार हुये हैं.

क्या है मामला

अभियुक्त डॉ0 बृजेश कुमार वर्मा एक शातिर जालसाज है। अभियुक्त पूर्व मे जनपद रायबरेली के ऊँचाहार में चश्मे की दुकान चलाता था तथा वर्ष 1995 मे प्रधानी का चुनाव इसके द्वारा लड़ा गया था। अभियुक्त वर्ष 2019 में आर.पी.आई.(रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया) के टिकट पर मछलीशहर जौनपुर उत्तर प्रदेश से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। अभियुक्त द्वारा इस चुनाव मे बेरोजगार लोगो से धोखाधड़ी कर उनकी गाढ़ी कमाई से ठगे गये करीब 25 से 30 लाख रूपये खर्च किये गये थे। अभियुक्त बी.एस.सी. पास है तथा इसके द्वारा डी.ओ.टी. (डिप्लोमा ऑफ ऑप्थोमेट्रीक्स) भी किया गया है।

अभियुक्त द्वारा वर्ष 2007 में एक एन.जी.ओ. एस.एस.एस. संस्थान (शिल्पी स्वयं सेवा संस्थान) लखनऊ उत्तर प्रदेश (Reg. by U.P. Government- 85/65/2008) रजिस्टर्ड कराया गया । इस जालसाज ने बेरोजगार महिलाओ को स्वावलम्बी बनाने के नाम पर नोएडा के ग्राम चौड़ा रघुनाथपुर सेक्टर 22 में एक प्रशिक्षण केन्द्र माह अक्टूबर 2020 में खोला गया जिसमे वह प्रशिक्षुओं को एक सप्ताह का सर्टिफिकेट बिना कोर्स कराये कोर्स कराने के नाम पर देता था तथा जाली नियुक्ति पत्र जनपद के विभिन्न पूर्व माध्यमिक विधालयों मे काम करने के लिये देता था । प्रशिक्षण केन्द्र से जुड़े करीब 100 से अधिक महिला/पुरूषों से अब तक यह अभियुक्त कई लाख रूपये सिक्योरिटी मनी के रूप मे ले चुका है । अभियुक्त इन्हे जिला समन्वयक, सलाहकार, ब्लाक समन्वयक, तहसील समन्वयक, जाँच अधिकारी, रिपोर्ट अधिकारी, ब्यूटीशियन प्रशिक्षिका, सिलाई/कढ़ाई प्रशिक्षिका आदि तरह – तरह के विभिन्न पदों पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर नियुक्त करता था तथा सभी से दस हजार से पचास हजार रूपये तक की सिक्योरिटी मनी जमा कराता था । अभियुक्त द्वारा जनपद के बीएसए को अपने एन.जी.ओ. का पत्र भेजा जाता था कि उसकी संस्था एस.एस.एस. संस्थान जिले के दनकौर, बिसरख, दादरी , नोयडा के 10-10 पूर्व माध्यमिक विधालयों मे अध्ययनरत छात्राओं को सिलाई/कढ़ाई आदि का नि:शुल्क प्रशिक्षण अपनी योग्य प्रशिक्षिकाओं से देना चाहती है इसके आधार पर बीएसए गौतमबुद्धनगर द्वारा इस संस्था को नि:शुल्क प्रशिक्षण हेतु अनुमति प्रदान की गई थी । जिसकी आड़ मे अभियुक्त द्वारा बेरोजगार महिलाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर तथा सभी से दस हजार से पचास हजार रूपये तक की सिक्योरिटी मनी जमा करायी गई । अभियुक्त द्वारा जनपद गौतमबुद्धनगर के अतिरिक्त मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बुलन्दशहर, गाजियाबाद आदि जनपदों मे अपने इसी प्रकार के कार्यालय खोले गये जिनमें इसी प्रकार के कार्य संचालित किए जाते हैं जिनमे इसके द्वारा जिला समन्वयक अधिकारी नियुक्त किये गये इसके द्वारा एक ब्लाक मे 10 स्कूलों मे ब्लाक समन्वयकों को 10 केन्द्र बनाने हेतु कहा गया और यह भी कहा गया जब 10 केन्द्र पूर्ण होगे तभी मानदेय जारी होगा एक ब्लाक मे दो ब्लाक समन्वयक होगें जिस जिले मे पाँच ब्लाक है उसमें एक जिला समन्वयक होगा तथा तीन ब्लाक मे एक सलाहकार होगा ब्लाक समन्वयक की नियुक्ति जिला समन्वयक एवं जिला सलाहकार की सलाह पर होगी तथा पाँच ब्लाक पर एक ऑफिस होगा उन तक इसकी योजनाओं का प्रचार करने तथा जो जुड़ना चाहते हो उन्हे अपने ऑफिस बुलाये जाने हेतु इसके द्वारा निर्देशित किया जाता था । अभियुक्त द्वारा अपनी संस्था का पत्र स्कूलों मे भेजा जाता था कि इसकी संस्था स्कूलो के खेल के मैदान, पंखे, लाईट, सिलाई, कढ़ाई आदि का काम नि:शुल्क करायेगी । इसके द्वारा जनपद मथुरा तथा अन्य जनपदों में भी इसी प्रकार के फर्जी केन्द्र खोले जाने वाले थे , इसके अतिरिक्त अभियुक्त द्वारा दिल्ली तथा हरियाणा के फरीदाबाद मे केन्द्र खोले जाने तथा उनके विधालयो मे प्रशिक्षिकाओं द्वारा प्रशिक्षण दिये जाने हेतु अप्लाई किया गया था किन्तु दिल्ली तथा फरीदाबाद मे कोविड-19 की बजह से इस शातिर जालसाज को अनुमति नही प्राप्त हुई ।

अभियुक्त द्वारा अपना नाम बदल बदल कर वर्ष 2011 मे जनपद मैनपुरी मे बृजेश सिंह उर्फ बृजेश गौतम के नाम से इसी प्रकार की जालसाजी की गई थी तथा वर्ष 2013 मे जनपद फतेहपुर में बृजेश कुशवाहा के नाम से धोखाधड़ी की गई थी जिसमें इसके विरुद्ध कोतवाली थाना में इसी प्रकार की जालसाजी का अभियोग पंजीकृत किया गया था जिसमें डॉ0 बृजेश कुमार वर्मा जेल भी गया था । अभियुक्त डॉ0 बृजेश कुमार वर्मा के अन्य राज्यों / जनपदो से आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।

अभियुक्त की नाबार्ड द्वारा सहायतित महिला प्रशिक्षण की रकम हड़पने के उपरान्त भविष्य की यह योजना थी कि नाबार्ड द्वारा सहायतित हाट बाजार जिसमें 5 ग्राम सभा मे एक हाट बाजार खोला जाना, किसान क्लब जिसमें 10 किसानों का एक समूह होना तथा स्वयं सहायता समूह जिसमें 10 महिलाओं का एक समूह बनाया जाना था जिसमे नाबार्ड से प्राप्त होने वाली रकम को भी अभियुक्त द्वारा हड़पने की योजना थी । अभियुक्त द्वारा ग्राम चौड़ा रघुनाथपुर सेक्टर 22 में अपनी संस्था का जो कार्यालय तथा एक प्रशिक्षण केन्द्र नाबार्ड से प्राप्त होने बाली रकम हड़पने के लिये बनाया गया था उसका भौतिक निरीक्षण भी नाबार्ड के अधिकारियों को अभियुक्त द्वारा कराया गया था । अभियुक्त डॉ0 बृजेश कुमार वर्मा द्वारा अब तक हुई जानकारी की संख्या करीब 62 लोगो के अतिरिक्त काफी बड़ी संख्या मे अन्य लोगो से भी इसी प्रकार की जालसाजी किये जाने की सम्भावना है तथा इसके साथ अन्य लोगो के भी शामिल होने की सम्भावना है जिनकी जाँच की जा रही है ।

अभियुक्त की इस एस.एस.एस. संस्था को नाबार्ड (NABARD) से इस हेतु करीब 25 लाख रूपये तथा समाज कल्याण विभाग से भी काफी भारी अनुदान माह जनवरी मे प्राप्त होने वाला था कि अभियुक्त का भांडा फूट गया और फर्जीवाड़ा उजागर हो गया और यह जालसाज पकड़ा गया तथा भारत सरकार / उत्तर प्रदेश सरकार से इसकी संस्था को प्राप्त होने वाले करोड़ो रूपये बच गये ।


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