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पति से धोखा खाई महिला ने प्रेमजाल में फंसाकर युवक से की शादी, एक साल में खड़ी कर दी 150 करोड़ की 'ठग कम्पनी
ग्रेटर नोएडा। बाइक बोट की तर्ज पर गो-वे नाम से कंपनी खोलकर 150 करोड़ की ठगी करने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उनपर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करेगी। वहीं, ठगी की रकम से जुटाई संपत्ति भी जब्त करेगी। आरोपियों ने लगभग 17 हजार लोगों से ठगी की थी।
पुलिस ने रविवार को मुख्य आरोपी दंपती अनिल सेन व उसकी पत्नी मीनू सेन को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। दूसरों के पैसे पर ऐश-ओ-आराम कर रहे इन दोनों पति-पत्नी ने जेल में पहले दिन खाना नहीं खाया। जेल की बैरक में दोनों को नींद भी नहीं आ रही है महिला तो उदास और रुआंसी है। दूसरी और पुलिस फरार बेटे को तलाश कर रही है। जल्द गिरफ्तारी का दावा किया जा रहा है।
केडीएम बाइक इंटरप्राइजेज प्रोपराइटर (गो-वे) नाम की कंपनी बनाकर अनिल सेन व मीनू सेन ने बीटा-2 थाना क्षेत्र में परी चौक से वेनिस मॉल जाने वाले रोड पर दफ्तर बनाया था। बाइक बोट की तर्ज पर आरोपियों ने सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से निवेशकों को मेट्रो स्टेशन के पास ई-बाइक या स्कूटर चलाने का झांसा दिया था। एक निवेशक से लगभग 62 हजार रुपये लेते थे। वहीं, लगभग दस हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा करते थे। आरोपियों ने कुछ माह तक कुछ लोगों को किस्त दी। इसके बाद आरोपी लगभग 150 करोड़ की ठगी करने के बाद दफ्तर बंद कर भाग गए।
16 जून 2019 में निवेशक जब आरोपियों के दफ्तर पहुंचे तो वहां ताला लगा था। इसके बाद निवेशक दिल्ली स्थित उस होटल में पहुंच गए, जहां आरोपी रुके थे। उन्होंने पुलिस को सूचना दी, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। इसके बाद से पीड़ित आरोपियों की गिरफ्तारी और रकम वापस दिलाने की मांग कर रहे थे। एडिशनल डीसीपी ग्रेनो जोन विशाल पांडे ने बताया कि आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद संपत्ति भी जब्त की जाएगी। मामले में शामिल अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में टीम जुट गई है। जल्द आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
मीनू सेन ने पहले पति को छोड़कर अनिल से शादी की
मीनू सेन की कहानी तब नया मोड़ लेती है जब उसे पहले पति से धोखा मिलता है। दोनों अलग हो जाते हैं और मीनू सेन, अनिल से मिलती है। मीनू सेन और अनिल शादी कर लेते हैं। फिर दोनों मिलकर ठग कंपनी की नींव डालते हैं। हैरानी की बात तो यह रही कि मीनू के प्रेम जाल में फंसे अनिल ने अपने बच्चों को नकार दिया और सौतेले बेटे कृणाल के नाम पर करोड़ों रुपये की प्रापर्टी कर दी। ठगी की रकम से सौतेले बेटे के लिए महंगी कार खरीदी। कृणाल मीनू का पहले पति से बेटा है।
मीनू सेन और अनिल ने अपनी कम्पनी का नाम 'गो वे' रखा। दरअसल, यह देश में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला करने वाली कम्पनी बाइक बोट से इंस्पायर्ड थी। मीनू सेन और उसके पति अनिल ने आम आदमी को महज एक साल में रकम दो गुना वापस करने का झांसा दिया। जब देश के बड़े-बड़े बैंक सात साल में पैसा दोगुना नहीं कर पार रहे, ऐसे में इस ठग कम्पनी के झांसे को लोग नहीं समझ पाए। देखते ही देखते हजारों लोगों इन्हें करीब 150 करोड़ रुपये दे दिए।
ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी विशाल पांडेय ने कहा, "अनिल एक फैक्टरी में नौकरी करता था। वह मध्यम परिवार से है। उसकी मुलाकात कम्पनी में मीनू से हुई। इसी बीच मीनू का पहले पति से झगड़ा चल रहा था और दोनों अलग हो गए। अनिल और मीनू की प्रेम कहानी शुरू हुई और दोनों ने शादी कर ली। मीनू ने अपने बेटे के साथ मिलकर अनिल को ठग कंपनी सेटअप करने का आइडिया दिया। तीनों ने मिलकर गो-वे कंपनी बनाई।
अनिल मूल रूप से गाजियाबाद जिले में लोनी कस्बे के पास सीती गांव का रहने वाला है। वह महज चार साल पहले तक गांव के मकान में रहता था। रोजाना नौकरी करने नोएडा की कम्पनी में आता था। मीनू के साथ ठग कंपनी शुरू करने के बाद उसकी जिंदगी बदल गई। मीनू के चलते अनिल अपना पूरा परिवार छोड़ दिया। करीब ढाई करोड़ रुपये का विला गुरुग्राम में खरीदा था। हैरानी की बात तो यह रही कि मीनू के प्रेम जाल में फंसे अनिल ने अपने बच्चों को नकार दिया।