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- आईपीएस अजयपाल शर्मा के...
आईपीएस अजयपाल शर्मा के खिलाफ एक और मामले में जांच शुरु
धीरेन्द्र अवाना
नोएडा। आईपीएस अजयपाल शर्मा की मुश्किल कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। अब उनके खिलाफ गुरुग्राम के कारोबारी की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है।अपहरण और उत्पीड़न के मामले में आईपीएस अजयपाल शर्मा की एसआईटी जांच के आदेश दिए गए हैं। शासन के आदेश पर अगस्त में यह मामला एसआईटी को सौंपा गया है। डीजी एसआईटी ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
आपको बता दे कि गुरुग्राम के कारोबारी संजय कपूर ने आईपीएस अजय पाल शर्मा पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने उसका 6 नवंबर 2018 को औरेया टोल प्लाजा से अपहरण किया और गलत तरीके से बीटा दो थाना क्षेत्र की एक पुलिस चौकी में रखकर उसका उत्पीड़न किया गया।फिर गलत तरीके से उसके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कर उसे जेल भेज दिया।उनका दावा है कि पुलिस जांच में भी ये सभी मुकदमे गलत पाए गए।
आरोप ये भी लगाया कि आईपीएस अजय पाल शर्मा के संबंध बड़े गैंगस्टर से हैं और वह गौतमबुद्ध नगर जेल में बंद रहने के दौरान भी उन्हें मरवाने का प्रयास कर चुके हैं।अभी भी उन्हें और उनके परिवारजनों को आईपीएस अधिकारी से खतरा है।जिसकी शिकायत शासन से भी की गई है।विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई है और एसआईटी के डीजी ने इस मामले की जांच शुरू करा दी है। शासन ने एसआईटी से इस मामले की जांच रिपोर्ट भी तलब की है।
संजय कपूर का दावा है कि इस मामले में आईजी मेरठ ने भी जांच की थी और उन्होंने जांच रिपोर्ट में लिखकर दिया है कि 16 बार नोटिस दिए जाने के बाद भी अजयपाल अपने बयान दर्ज कराने के लिए नहीं आए और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। संजय कपूर की मानें तो यह विवाद 826 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर शुरू हुआ था।उनका कहना है कि नोएडा के एक ग्रुप ने झूठे सपने बेच कर लोगों से 826 करोड़ की ठगी की और इस मामले में उसने भी मुकदमे दर्ज कराये थे।
ये मुकदमे गौतमबुद्ध नगर और लखनऊ में दर्ज हुए थे जिसमें चार्जशीट भी लगी। लेकिन आरोपियों के गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी गौतमबुद्ध नगर पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं कर रही थी। इसको लेकर उन्होंने तत्कालीन एसएसपी अजय पाल शर्मा से मांग की तो उन्होंने मेरे खिलाफ ही पांच मुकदमे गलत तरीके से दर्ज कर दिए गए। हालांकि, अजयपाल शर्मा इन आरोपों को पहले से ही निराधार और उन्हें बदनाम करने के लिए झूठी साजिश बताते रहे हैं।