नोएडा

नोएडा के एक निजी अस्पताल पर परिजनों ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप

Special Coverage News
20 Oct 2018 5:20 AM GMT
नोएडा के एक निजी अस्पताल पर परिजनों ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप
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धीरेन्द्र अवाना

नोएडा। निजी अस्पतालों में चल रही मनमानी और इलाज के नाम पर भारी भरकम बिल थमाने का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। इससे पहले भी नोएडा के कई बड़े अस्पतालों पर कई गंभीर आरोप लग चुके है लेकिन पता नही क्यों स्वास्थ विभाग ऑखे मूदे बैठा है।आज तक न जाने कितने लोगों ने नोएडा के अस्पतालों की शिकायत की है पर विभाग अपने निजी स्वार्थों के चलते उन अस्पतालों पर कारवाई नही करते।बस आश्वासन दे देते है कि टीम गठित करके जाँच की जाऐगी लेकिन बाद में जॉच के नाम पर खानापूर्ति करके उस फाइल को बंद कर दिया जाता है।आप को बता दे कि आज तक किसी अस्पताल पर कोई कारवाई तक नही हुयी है।ताजा मामला सेक्टर-27 स्थित एक निजी अस्पताल का है जहा परिजनों का आरोप है कि हमारे बच्ची के इलाज में लापरवाही बरती गयी व हमसे अधिक बिल वसूला जा रहा है।

सैक्टर-11 में रहने वाले एबाद अपनी बहन फरदाना खातून का इलाज करीब 2 महीने से इस अस्पताल में चला रहे है।एबाद ने बताया कि मेरी बहन गर्भवती है और अस्पताल में चैक अप के दौरान हमे पता चला कि मेरी पत्नी को जुड़वा बच्चे है।करीब दो महीने से इस अस्पताल में इलाज चल रहा है। सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था लेकिन जब सात अक्टूबर को बहन को अस्पताल चैकअप के लिए लेकर आये तो डॉक्टर ने आपरेशन से प्रसव करने की बात कह कर अस्पताल में भर्ती कर लिया। उसके बाद डॉक्टर ने एबाद को बताया कि हम आपकी एक बच्ची ही को बचा पाये है। दूसरी बच्ची को प्रीमैच्योर बताते हुये भर्ती कर लिया। उसके बाद एबाद ने बताया कि एक हफ्ते बाद जब बच्ची के स्वास्थ के बारे में पूछा तो उसको स्वस्थ बताया जिसकी रिपोर्ट हमारे पास है।


15 अक्टूबर को सबकुछ ठीक होने पर जब हमने डिसचार्ज करने के लिए कहा।तो डॉक्टर ने इंफेशन बता दिया व बच्ची को वेंटीलेटर पर रखा।जबकि रिपोर्ट को देखकर दिल्ली के बड़े डॉक्टर ने सबकुछ नोर्मल बताया।एबाद ने आरोप लगाया कि मेरी बच्ची दो दिन पहले ही मर गई थी लेकिन अस्पताल ने मोटा बिल बनाने के लिए भर्ती रखा। विरोध करने पर दो लाख 40 हजार का बिल थमा दिया। जब परिजनों ने हंगामा किया तो बिल में कुछ रियायत की गयी। परिजनों ने उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत करने की बात कही। वही दूसरी तरफ अस्पताल प्रशासन उनके आरोपों को सिरे से नकाता है।

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