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गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट: क्या मोदी के मंत्री दोहराएंगे इतिहास या फिर?

Special Coverage News
4 Feb 2019 6:26 PM IST
गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट: क्या मोदी के मंत्री दोहराएंगे इतिहास या फिर?
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विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा की सभी विधानसभा सीटों पर परचम लहराया है. नोएडा से पंकज सिंह तो दादरी तेजपाल नागर , जेवर से धीरेंद्र ठाकुर , सिकन्दराबाद से विमला सोलंकी तो खुर्जा से विजेंद्र सिंह है. अब इस लोकसभा से बीजेपी फिर से एक बार फिर कब्जा करने का प्रयास करेगी.

उत्तर प्रदेश की चर्चित गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट प्रदेश की वीआईपी सीटों में से एक है. ये सीट अभी भारतीय जनता पार्टी के खाते में है, यहां से सांसद महेश शर्मा केंद्र सरकार में मंत्री हैं. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में गौतम बुद्ध नगर का विस्तार हुआ, जिसके बाद से ही ये क्षेत्र हमेशा सुर्खियों में रहा है. इस सीट पर गुर्जर समाज के वोटरों की संख्या अधिक है, ऐसे में लोकसभा चुनाव में इस सीट पर सभी की नजरें हैं. 2015 में हुए दादरी कांड के दौरान इस क्षेत्र ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा की सभी विधानसभा सीटों पर परचम लहराया है. नोएडा से पंकज सिंह तो दादरी तेजपाल नागर , जेवर से धीरेंद्र ठाकुर , सिकन्दराबाद से विमला सोलंकी तो खुर्जा से विजेंद्र सिंह है. अब इस लोकसभा से बीजेपी फिर से एक बार फिर कब्जा करने का प्रयास करेगी.


गौतमबुद्ध नगर सीट का इतिहास

ये सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आई. 2009 में यहां पहली बार लोकसभा चुनाव हुए, इनमें बहुजन समाज पार्टी ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की. उस दौरान बसपा के सुरेंद्र सिंह ने महेश शर्मा को 2 लाख के अंतर से मात दी थी. जबकि 2014 के चुनाव में चली मोदी लहर का फायदा महेश शर्मा को इस सीट पर भी मिला. महेश शर्मा यहां से पौने तीन लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज कर आए.

2015 में इस क्षेत्र के दादरी में हुए मॉब लिंचिंग केस ने दुनियाभर में सुर्खियां बटोरी. दादरी के मोहम्मद अखलाक के घर बीफ पाए जाने के शक में हत्या कर दी गई, ये मसला राजनीतिक तौर पर काफी गर्माया था. दादरी लिंचिंग मामले के बाद से ही देश में अवॉर्ड वापसी का सिलसिला शुरू हुआ था. इस दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कई बुद्धिजीवियों ने आवाज बुलंद की थी.


गौतमबुद्ध नगर सीट का समीकरण

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बड़ी सीटों में शामिल गौतमबुद्ध नगर में 2014 में वोटरों की संख्या 19 लाख से अधिक थी. जिनमें 11 लाख पुरुष, 8 लाख महिला वोटर थे. 2014 में यहां 60 फीसदी मतदान ही हुआ था. इनमें से 3837 वोट NOTA में गए थे. इस लोकसभा क्षेत्र में 80 फीसदी हिंदू जनसंख्या हैं, इनमें से 20 से अधिक प्रतिशत गुर्जर समाज से आते हैं. जबकि 14 फीसदी जनसंख्या मुस्लिम समुदाय से है. इस क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें नोएडा, जेवर, सिकंदराबाद, दादरी और खुर्जा शामिल हैं. 2017 के दौरान उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में ये सभी पांच सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थीं.


2014 में गौतमबुद्ध नगर में चला बीजेपी का जादू

पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी. केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने 2014 में इस सीट पर करीब पौने तीन लाख वोट से जीत दर्ज की थी. महेश शर्मा ने समाजवादी पार्टी के नरेंद्र भाटी को मात दी थी.

2014 चुनाव में गौतमबुद्ध नगर सीट का परिणाम

महेश शर्मा, भारतीय जनता पार्टी, कुल वोट मिले 599,702, 50%

नरेंद्र भाटी, समाजवादी पार्टी, कुल वोट मिले 319,490, 26.6%

सतीश कुमार, बहुजन समाज पार्टी, कुल वोट मिले 198,237, 16.5%


कौन है सांसद महेश शर्मा

पेशे से डॉक्टर महेश शर्मा का बैकग्राउंड राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का रहा है. 2014 में सांसद चुने जाने से पहले वह 2012 में विधायक भी रहे. उन्होंने नोएडा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. हालांकि, 2014 में नोएडा से चुनाव लड़े और करीब पौने तीन लाख वोटों से जीत दर्ज की. जिसके बाद वह केंद्र सरकार में मंत्री भी बने. महेश शर्मा लगातार अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं, फिर चाहे वह विदेशी महिलाओं के पहनावे को लेकर दिया गया बयान हो या फिर सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी को लेकर दिया गया बयान हो. मौजूदा समय में महेश शर्मा केंद्रीय पर्यटन मंत्री हैं. ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, महेश शर्मा के पास 47 करोड़ से अधिक की संपत्ति है, इनमें 26 करोड़ की अचल संपत्ति और 20 करोड़ से अधिक की चल संपत्ति शामिल है.

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