नोएडा

ग्रेटर नोएडा के आगे बुलंदशहर में बसेगा नया नोएडा, नए शहर में शामिल होंगे जिले के ये 80 गांव

Shiv Kumar Mishra
4 Jan 2021 7:12 AM GMT
ग्रेटर नोएडा के आगे बुलंदशहर में बसेगा नया नोएडा, नए शहर में शामिल होंगे जिले के ये 80 गांव
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नोएडा और बुलंदशहर, दोनों जगह रहने वालों के लिए बड़ी खबर है। ग्रेटर नोएडा से आगे बुलंदशहर के इलाके में नोएडा एक्सटेंशन बसाया जाएगा। दरअसल, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के समीप वाले 80 गांवों को विकसित करने की जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण को दी जा सकती है। यह प्रस्ताव नोएडा अथॉरिटी को दिया गया है। अगर प्राधिकरण ने यह प्रस्ताव स्वीकार किया तो 80 गांव उसे मिल जाएंगे। इससे नोएडा प्राधिकरण के पास जमीन की किल्लत खत्म हो जाएगी। दूसरी ओर इन 80 गांव का तेजी से विकास होगा।

नोएडा विकास प्राधिकरण को दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) के 80 गांवों को विकसित करने का प्रस्ताव मिला है। इस प्रस्ताव पर प्राधिकरण अन्य विभागों से विचार विमर्श कर रहा है। नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा से बुलंदशहर तक के 80 गांव को विकसित करने का प्रस्ताव प्राधिकरण को मिला है, जिसपर बातचीत चल रही है।

उन्होंने कहा कि अगर इस पर निर्णय हो जाता है तो नोएडा इन गांवों को विकसित करेगा, फिर ये 80 गांव नोएडा के अधीन हो जाएंगे, इसके बाद नोएडा का दायरा बढ़ जाएगा। प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार,'' वर्तमान में नोएडा में जमीन की भारी कमी है, ऐसे में ये 80 गांव नोएडा के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा भारत सरकार की प्रायोजित औद्योगिक-विकास की विशाल परियोजना है। एक विशाल औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के उद्देश्य से भारत और जापान ने इसे मिलकर शुरू किया है। यह सात राज्यों दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दक्षिणी हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, पूर्वी गुजरात, पश्चिमी महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के इन्दौर से होकर गुजरेगा।

ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण से नोएडा ने मांगी थी जमीन

नोएडा ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को करीब 5000 करोड रुपए और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को करीब ढाई हजार करोड़ रुपए का कर्ज दिया है। इस पैसे के बदले में नोएडा ने दोनों विकास प्राधिकरण से जमीन मांगी थी। नोएडा चाहता था कि जमीन मिल जाए तो उस पर अपनी विकास योजनाएं लेकर आएगा, लेकिन दोनों ही प्राधिकरण ने इसे अपने इलाके में नोएडा की दखल मानते हुए प्रस्ताव खारिज कर दिया था। साथ ही दोनों विकास प्राधिकरण ने नोएडा से वादा किया है कि वह जल्दी उसका कर्ज वापस लौटा देंगे। ऐसे में नोएडा जमीन की भारी कमी से जूझ रहा है। जिसके चलते नई औद्योगिक और आवासीय योजनाएं नहीं आ रही हैं। अब अगर नोएडा अथॉरिटी को बुलंदशहर के 80 गांव मिल जाते हैं तो बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।

एक दशक पहले यह गांव ग्रेटर नोएडा में शामिल किए गए थे

करीब एक दशक पहले बुलंदशहर के इन गांवों को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में समाहित कर दिया गया था। बाद में बुलंदशहर-खुर्जा विकास प्राधिकरण को तोड़कर दो अलग-अलग विकास प्राधिकरण बना दिए गए। जिसके चलते इन गांवों को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से हटाकर बुलंदशहर विकास प्राधिकरण में और खुर्जा विकास प्राधिकरण में शामिल कर दिया गया था। अब अगर ये सारे गांव नोएडा को दिए जाते हैं तो बीडीए और केडीए से निकालकर नोएडा अथॉरिटी में शामिल किया जाएगा। जानकारों का मानना है कि बीडीए और केडीए के पास पैसे की बड़ी कमी है। ऐसे में अगर यह 80 गांव नोएडा अथॉरिटी को मिलते हैं तो यहां बहुत तेजी के साथ विकास योजनाएं आएंगी।

सारे सिकंदराबाद और खुर्जा तहसील के गांव हैं

बुलंदशहर जिले के जो गांव दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के दायरे में आएंगे, वह अभी सिकंदराबाद और खुर्जा तहसील के हैं। बड़ी बात यह है कि यह सारे गांव गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं। ऐसे में गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र पूरी तरह नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के दायरे में शामिल हो जाएगा।

ग्रेटर नोएडा और यूपीसीडा को भी दिया गया था प्रस्ताव

दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर के ग्रेटर नोएडा से बुलंदशहर तक 80 गांव हैं। इन गांवों के सबसे नजदीक ग्रेटर नोएडा शहर है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण इन गांवों तक अपनी विकास योजनाएं ला चुका है। लिहाजा, सबसे पहले यह प्रस्ताव डीएमआईसी ट्रस्ट ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को दिया था। ग्रेटर नोएडा में इस काम से इनकार कर दिया। सिकंदराबाद में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण काम करता है। लिहाजा, उसके बाद यूपीसीडा को यह प्रस्ताव दिया गया। यूपीसीडा ने भी इंकार कर दिया। इसके बाद नोएडा से इस बारे में पूछा गया है। अब नोएडा ने सहमति दे दी है। हालांकि, अभी यह शुरुआती चरण है। इस पर अंतिम निर्णय बाकी है। यही नहीं यूपी शासन से भी इसकी अनुमति लेनी होगी। पूरा मामला मुख्यमंत्री तक जाएगा। तब मामले में कोई निर्णय हो पाएगा।

इन गांवों में अलग मॉडल पर होगा विकास

इन 80 गांवों का विकास अलग मॉडल पर होगा। बाकी शहरों के मॉडल पर इसका विकास नहीं किया जाएगा। यहां अलग-अलग जोन विकसित किए जाएंगे। इंडस्ट्रियल यूनिट, एसईजेड, इंडस्ट्रियल एस्टेट्स, एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग जोन, आईटी, आईटीएस और बायोटेक जोन, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, नॉलेज हब, लॉजिस्टिक हब, इंटिग्रेटेड टाउनशिप का विकास किया जाएगा। इस बारे में नोएडा की सीईओ ऋतु महेश्वरी ने कहा, दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर के ग्रेटर नोएडा से बुलंदशहर तक के 80 गांवों को विकसित करने का प्रस्ताव मिला है। इस पर बातचीत चल रही है। अगर निर्णय हो जाता है तो नोएडा इसे विकसित कर सकता है। फिर यह 80 गांव नोएडा के अधीन हो जाएंगे। इसके बाद नोएडा का दायरा बढ़ जाएगा।

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