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- नोएडा अथॉरिटी से लगभग...
नोएडा अथॉरिटी से लगभग 850 कंपनियों को मिली काम शुरू करने की इजाजत
नोएडा में काम करने वाली कंपनियां सिटी अथॉरिटी की परमीशन मिलने के बाद अपने काम को फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं. नोएडा अथॉरिटी ने लगभग 850 कंपनियों को लगभग 57,000 कर्मचारियों / श्रमिकों के साथ काम करने की अनुमति दी है.
नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रितु माहेश्वरी ने ANI से बात करते हुए कहा कि सैमसंग, ओप्पो, वीवो, एचसीएल, हल्दीराम सहित कंपनियों को अपना काम शुरू करने की अनुमति दी गई है. उन्होंने बताया कि जिन कंपनियों को परमीशन मिली है उन्हें नोएडा के बाहर से कच्चा माल लाने की अनुमति है.
लगभग 20 बिल्डर प्रोजेक्स्ट्स को 3300 मजदूरों के साथ कंस्ट्रक्शन की अनुमति दी गई है.
करीब 3000 मजदूरों के साथ 50 दूसरे उद्योग / कमर्शियल निर्माण की अनुमति मिली है.
30 प्रोजेक्स्ट्स को लगभग 650 श्रमिकों के साथ काम करने की अनुमति है.
नोएडा अथॉरिटी के सीईओ के अनुसार, लगभग 1600 आवेदन अब तक खारिज भी कर दिए गए हैं क्योंकि वे अयोग्य हैं और रोकथाम क्षेत्र में आते हैं.
नोएडा उद्यमी संघ (Noida Entrepreneur Association) के उपाध्यक्ष सुधीर श्रीवास्तव ने इस अनुमति के लिए नोएडा अथॉरिटी के प्रयास की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि 40 दिनों से अधिक समय तक बंद रहने के बाद अब नोएडा की इंडस्ट्रीज ने अपना काम फिर से शुरू कर दिया है, लेकिन हमारे काम को सुव्यवस्थित करने में कुछ समय लगेगा.
बॉर्डर सील होने से हो रही दिक्कत
श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि नोएडा के बाहर रहने वाले कुछ फैक्ट्री मालिकों को नोएडा-दिल्ली बॉर्डर (Noida-Delhi Border) सील करने के कारण नोएडा में प्रवेश करने में कठिनाई हो रही है. उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन को इस समस्या पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि नोएडा की कई फैक्ट्रियां हरियाणा से कच्चा माल लाती हैं, लेकिन दिल्ली-गुरुग्राम और दिल्ली-फरीदाबाद सीमा सील होने के कारण हमें कच्चे माल लाने में दिक्कत होगी.
सुपरटेक के अध्यक्ष और अध्यक्ष, आर नारको, आर के अरोड़ा ने कहा कि उनकी कंपनी को नोएडा और गुरुग्राम में उनकी कुछ प्रोजेक्स्ट्स की अनुमति मिल गई है. सुपरटेक के पास लगभग 28 प्रोजेक्स्ट्स हैं. जिन पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि उन्हीं प्रोजेक्स्ट्स में निर्माण कार्य शुरू किया गया है जहां उनकी कंपनी को स्थानीय अधिकारियों से अनुमति मिली है.