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- नोएडा जिला अस्पताल के...
धीरेन्द्र अवाना।
नोएडा।नोएडा के जिला अस्पताल का विवादों से गहरा नाता है।अस्पताल में आये दिन देखने को मिलता है कि मरीजों को तरह तरह की समस्याओं से जुझना पड़ता है जैसे इलाज के नाम पर पैसे मांगना,दवाई ना हाेने का रोना रोना व डॉक्टरों की लापरहवाही।अगर हम जिला अस्पताल का इतिहास देखे तो इसका विवादों से चोली दामन का साथ है।इस विषय पर बात करे तो लिस्ट थोड़ी लम्बी हो जायेगी।
अस्पताल में कभी एक्सपायर दवाई देने का मामला तूल पकड़ता है तो कभी लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ लोगों का गुस्सा देखने को मिलता है।कुछ माह पूर्व एक महिला ने अस्पताल में कार्य करने वाली नर्स के ऊपर पैसे लेकर जाँच कराने का आरोप लगाया था जिसकी शिकाया सीएमएस से की गयी थी लेकिन आज तक इस शिकायत के ऊपर कोइ भी कारवाई नही हुयी है।अब ताजा मामला ये है कि अस्पताल में एक दर्दनाक मामला सामने आया है।डॉक्टर की लापरवाही की वजह से 5 साल की मासूम बच्ची ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार, नोएडा के सैक्टर-30 स्थित जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से पांच वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। परिजन सर्दी बुखार की शिकायत पर इलाज के लिए लेकर पहुंचे थे।जहां इलाज मिलने में देरी होने से बच्ची की मौत हो गई।परिजनो का कहना है कि वह मंगलवार सुबह पांच वर्षीय बच्ची लेकर सुबह करीब 8 बजे जिला अस्पताल पहुंचे थे।जहां ओपीडी संख्या 151 में बैठे डॉक्टर ने इलाज से पहले बच्ची का एक्सरे कराकर लाने को कहा।इसपर वह बच्ची को लेकर एक्सरे कराने पहुंचे।जहां करीब 15 मिनट के बाद एक्सरे कराकर दोबारा ओपीडी के डॉक्टर के पास लौटे, लेकिन इस बार डॉक्टर अपने कक्ष से नदारद रहे।
कक्ष के बाहर दो घंटे इंतजार करने के बाद भी डॉक्टर नहीं पहुंचे।इसकी चलते चलते लाइन में लगे बच्ची की मौत हो गई।बच्ची की मौत पर जब उन्होंने हंगामा शुरू किया,तो अस्पताल प्रबंधन के द्वारा बच्ची को इमरजेंसी में ले जाकर दिखावे के लिए उपचार शुरू कर दिया. फिर थोड़ी देर बाद दोनों फेफड़े खराब होने की शिकायत पर बच्ची के मौत होने की बात कही। बच्ची की मौत पर उन्होंने परिजन को मामले की सूचने देकर अस्पताल पहुंचने के लिए।बच्ची की मौत पर अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया। मामले की सूचना पुलिस को भी दी गई है। पुलिस मामले को शांत कराने में लगी है. वहीं, सीएमएस डॉ वंदना शर्मा ने जांच के बाद मामले पर कार्रवाई की बात कही है ।