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छठ पूजा को लेकर नोएडा स्टेडियम में तैयारियां पूरी,जानें कैसी है तैयारियां...
हिंदू त्योहारों में छठ पूजा का पर्व अहम स्थान रखता है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आस्था और उल्लास का महापर्व छठ पूजा 28 अक्टूबर से शुरू हो गया है। हर साल की तरह इस साल भी नोएडा स्टेडियम में छठ की तैयारी जोरों-शोरों से चल रही है। घाट का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं। घाट पर श्रद्धालु रविवार की शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देंगे और अब सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे। यह आयोजन प्रवासी महासंघ की ओर से किया जा रहा है। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन भी अलर्ट है। शहर का सबसे बड़ा घाट: प्रवासी महासंघ के अध्यक्ष आलोक वत्स ने बताया कि नोएडा स्टेडियम में बन रहे छठ घाट की लंबाई 140 फुट और चौड़ाई 40 फुट रखी गई है। छठ व्रतियों के लिए विश्राम गृह की व्यवस्था की गई है।
घाट के आसपास व्यवस्था को लेकर 200 से अधिक वॉलिंटियर्स उपस्थित रहेंगे। नोएडा स्टेडियम के अंदर और बाहर लगभग 30 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। रविवार को देश के कई लोक कलाकार यहां पर आएंगे। बाजारों में आई रौनक: महापर्व छठ के कारण बाजार में रौनक देखने को मिल रही है। नोएडा के हरौला, अट्टा मार्केट और बरौला मार्केट समेत शहर के बाजारों में छठ के बाजार सजे हुए है। छठ पूजा के लिए कोशी, पीतल, बांस के सूप, दउरा, साड़ी, गन्ना, नारियल और फल समेत पूजा के हर छोटे-छोटे सामानों की खरीददारी की जा रही है। छठ पूजा का पहला दिन: चार दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार की शुरुआत नहाय-खाय से प्रारंभ होता है। इस दिन छठ व्रती स्नान कर नए वस्त्र धारण कर पूजा करते हैं। व्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल को प्रसाद के तौर बनाकर ग्रहण करते हैं । छठ व्रती के प्रसाद ग्रहण करने के बाद परिवार के सभी सदस्य भोजन के रूप में प्रसाद ग्रहण करते हैं। छठ पूजा का दूसरा दिन: छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना होता है।
इसमें छठ व्रती देर शाम को लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ का खीर बनाकर उसे प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं। जिसके बाद छठ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरु हो जाता है। छठ पूजा का तीसरा दिन: तीसरे दिन व्रती निर्जला उपवास के साथ शाम के समय नए वस्त्र धारण कर घाट पर जाकर पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूरज को अर्घ्य देते हैं। इस बार डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की तारीख 10 नवंबर है। छठ पूजा का चौथा दिन: छठ पूजा के चौथे दिन पानी में खड़े होकर उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। अर्घ्य देन बाद छठ व्रती घाट पर एक दूसरे को प्रसाद देते हैं। 36 घंटे का व्रत सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण करके तोड़ा जाता है। इस पर्व की खास बात यह है कि छठ व्रती पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूरज को और अगले दिन उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देते हैं। बैराज पर स्टीमर, गोताखोर, नाव और पीएसी तैनात रहेगी: नोएडा के एडिशनल डीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने कहा, "सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं।
यमुना नदी के ओखला बैराज पर करीब 60,000 श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। ऐसे में 8 गोताखोर यहां तैनात रहेंगे। उनके साथ 10 और सहयोगी रहेंगे। लोगों के पास ना उपलब्ध है नाव अच्छी स्थिति में हैं। सत्यापन कर लिया गया है। नोएडा पुलिस के अलावा पीएसी तैनात की जाएगी। पीएसी के स्टीमर भी यमुना नदी पर रहेंगे। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरी व्यवस्थाएं की जा रही है। एडिशनल डीसीपी ने बताया कि मंगलवार की सुबह उन्होंने नोएडा विकास प्राधिकरण और सिंचाई विभाग के अफसरों के साथ ओखला बैराज का दौरा किया है। श्रद्धालुओं के लिए बंदोबस्त और सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया है।" पानी कम करने के लिए बैराज के गेट बंद करवाए, रास्ते साफ होंगे:
एडिशनल डीसीपी ने बताया कि यमुना नदी में इस वक्त पानी ज्यादा है। जिसे कम करने के लिए ओखला बैराज के गेट बंद करवाए गए हैं। इससे 30 तारीख से पहले ही जलस्तर नीचे आ जाएगा। घाट तक पहुंचने के लिए रास्ते में झाड़ियां और कांटे खड़े हो गए हैं। इन्हें काटने के लिए विकास प्राधिकरण और सिंचाई विभाग सहयोग करेंगे। दोनों निकायों की ओर से कहा गया है कि अगले दो दिनों में पहुंच मार्ग पूरी तरह साफ हो जाएगा। आपको बता दें कि छठ पर्व का आयोजन 30 अक्टूबर की रात से 31 अक्टूबर की प्रातः तक आयोजन किया जाएगा।