नोएडा

मूर्तिकार राजू ने विदेश में भी बजाया भारत का डंका

Sujeet Kumar Gupta
13 Feb 2020 4:53 AM GMT
मूर्तिकार राजू ने विदेश में भी बजाया भारत का डंका
x
राजू ने अपने हाथों से भगवान बुद्ध,गणेश,श्रीकृष्ण,हनुमान जी और माँ दुर्गा समेत कई देवी देवताओं की मूर्ति बनाकर देश ही नही विदेशों में प्रसिद्धि हासिल कर चुका है।

(धीरेन्द्र अवाना)

नोएडा।भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं निष्ठा हो तो कुछ भी असंभव नही।ऐसी ही एक ऐसी मिसाल दी है हाजीपुर के एक युवक ने।जिसकी हर ओर प्रशंसा हो रही है। हैरत ही बात यह है कि 20 वर्षा से इस कार्य में लगे भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और निष्ठा के लिए जाने वाले राजू 8 वर्ष की आयु से ही मूर्ति बनाने का कार्य कर रहा है। आपको बता दे कि राजू ने अपने हाथों से भगवान बुद्ध,गणेश,श्रीकृष्ण,हनुमान जी और माँ दुर्गा समेत कई देवी देवताओं की मूर्ति बनाकर देश ही नही विदेशों में प्रसिद्धि हासिल कर चुका है।

आपको ज्ञात होगा कि त्यौहार पर दुर्गापूजा के अवसर पर ढाक,शंख और घंटों की मधुर ध्वनि के बीच जब सुगंधित धूप से मां दुर्गे की आरती होती है,तो सहसा भक्तों को मां की मूर्ति में उनकी जीवंत छवि नजर आती है।उस वक्त हमें यह ज्ञान भी नहीं रह जाता कि हम मां की मूर्ति की आराधना कर रहे हैं या साक्षात माँ दुर्गा की।हमें मां की इस छवि से साक्षात्कार करवाने वाला और कोई नहीं बल्कि वह मूर्तिकार होता है जो माता की छवि को गढता है।

हिंदुओं के विभिन्न पर्व-त्योहारों के अवसर पर देवा-देवताओं की मूर्ति बनाने में कई प्रदेशें के कलाकार पीढ़ी दर पीढ़ी इस कार्य में से जुटे रहते हैं। ऐसे ही एक मूर्तिकार हैं राजू राय।बिहार के रहने वाले राजू 8 वर्ष की आयु से ही मूर्ति बनाने का कार्य कर रहा है।भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं निष्ठा के कारण ही आज राजू ने देश ही नही विदेशों में भी खूब नाम कमाया है।यहा बताते चले कि राजू को बड़ी बड़ी राजनैतिक हस्तियों जैसे राजनाथ सिंह, नीतीश कुमार आदि द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

मूर्तिकार राजू ने बताया कि वे लगभग 20 सालों से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं।पहले इतने ज्यादा पंडालों का निर्माण नहीं होता था,लेकिन धीरे-धीरे विभिन्न पर्व-त्योहारों के अवसर पर पंडाल बढने लगे और मूर्तियों की डिमांड भी ज्यादा हो गयी है।आजकल विभिन्न पूजा-पंडाल वाले कलकत्ता से मूर्तिकार बुलाते हैं और लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर मूर्ति और पंडाल का निर्माण करवाते हैं।इससे इस बात को आसानी से समझा जा सकता है कि मूर्ति निर्माण के क्षेत्र में विकास हुआ है।



राजू कहते हैं कि मूर्ति मेरे लिए बच्चे के समान है। जिस प्रकार एक मां अपने बच्चे का लालन- पालन बड़े सावधानी और प्रेम के साथ करती है, उसी प्रकार मैं भी अपनी रचना को सहेजता हूँ।अगर बात करे मूर्तियों की तो अलग- अलग प्रकार की मूर्तियों की कीमत भी अलग-अलग होती है। साधारण मूर्तियों की कीमत तीन से चार हजार रुपये और साज सज्जा वाले मूर्तियों की बात करें तो सजावट के अनुसार उनकी कीमत बढ़ती घटती जा रही है।

पिता की मौत के बाद से ही मूर्ति बनाने की तरफ रुझान हुआ।इस कला के कारण उन्हें बहुत सम्मान मिलता है,इसलिए वे भी अपनी कला का सम्मान करते हैं।राजू बताते हैं कि माता की मूर्ति बनाते-बनाते उनकी मां से इतनी घनिष्ठता हो गयी है कि वे खुद को मूर्तिकार की बजाय माता का भक्त समझने लगे हैं,जो उनकी सेवा में अपना जीवन समर्पित करना चाहता है।

Tags
Sujeet Kumar Gupta

Sujeet Kumar Gupta

    Next Story