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नोएडा डीएम ने किया रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर नया आदेश जारी, मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई (Suhas LY, District Magistrate of Gautam Budh Nagar) ने कोरोना वायरस (Corona Virus) में कारगर साबित हो रही दवा रैमडिसीवर की कालाबाजारी को रोकने के लिए जिले के सभी अस्पतालों और डाॅक्टरों को एक आदेश जारी किया है. इसमें जिलाधिकारी ने बताया है कि इंजेक्शन का दुरूपयोग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इन आदेशों का पालन नहीं करने वाले अस्पताल के मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने शहर के सभी अस्पतालों और डाॅक्टरों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि रैमडिसीवर दवाई लिखते समय यह स्पष्ट करें कि यह मेडिकल काउन्सिल ऑफ़ इण्डिया के मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुसार लिखी गई है. यदि निजी चिकित्सालय के किसी चिकित्सक ने रैमडिसीवर लिखा है और मरीज के परिजनों से बाहर से लाने के लिए कहा है तो मेडिकल सुपरिटेंडेंट इसका प्रमाण पत्र देगा. चिकित्सालय की ओपीडी या आईपीडी की फार्मेसी और चिकित्सालय में रैमडिसीवर दवाई उपलब्ध नहीं है.
राकेश चौहान ने बताया कि प्रत्येक निजी अस्पताल को निर्देशित किया गया है कि किस-किस कंपनी से कितनी-कितनी रैमडिसीवर दवाई प्राप्त हुई है, इसका विवरण दें. यह सूचना रोजाना मुख्य चिकित्सा अधिकारी के ई-मेल आईडी पर भेजी जाए. रैमडिसीवर दवाई की उपलब्धता और बिक्री की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाये. उन्होंने बताया कि इन आदेशों का पालन नहीं करने वाले अस्पताल के मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि रैमडिसीवर दवाई देने के लिए किसी भी अस्पताल को जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश की आवश्यकता नहीं है. प्रत्येक चिकित्सालय और चिकित्सक भारत सरकार व मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया के नियमों के तहत रैमडिसीवर मरीजों को देना है. कुछ मामलों में यह बात प्रकाश में आई है कि कुछ निजी चिकित्सालय रैमडिसीवर की प्रिसक्रिप्शन लिख रहे हैं. मरीज और उसके अटेंडेंट को मार्केट से लाने के लिए कहा जा रहा है. यह गलत है.