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ट्विन टावर की जगह बनेगा मंदिर जानिए क्या कह रहे नोएडा के लोग
सुपरटेक एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी में ट्विन टावर की जगह किसी भी तरह का आवासीय टावर बनाने का विरोध आरडब्ल्यूए करेगी। यहां पर सिर्फ पार्क, बच्चों के खेलने के लिए मैदान और मंदिर बनाने को लेकर सहमति देंगे। अगर बिल्डर ने यहां अवैध रूप से निर्माण करने की कोशिश की तो फिर से अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। नियम के तहत इस जमीन पर 66 प्रतिशत लोगों की सहमति के बिना बिल्डर कोई निर्माण नहीं कर सकता। समक्ष योजना का प्रस्ताव पेश: सुपरटेक बिल्डर की ओर से कहा गया था कि ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद जो जमीन खाली हुई है
उस पर एक आवास परियोजा विकसित करने की सोच रहा है। इसके लिए नोएडा प्राधिकरण के समक्ष योजना का प्रस्ताव पेश किया जाएगा। बिल्डर ने कहा कि यदि संबंधित विभाग के अधिकारियों ने मंजूरी नहीं दी तो वह भूमि की लागत और अन्य खर्चों को लेकर दावा करेंगे। सोसाइटी के लोगों के बीच बैठक: इस पर एमरॉल्ड कोर्ट की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष उदयभान सिंह तेवतिया ने कहा कि बिल्डर के इस कदम का हर जगह विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस जगह बिल्डर ने अवैध रूप से ट्विन टावर खड़े किए थे, वह हरित क्षेत्र के रूप में निर्धारित किया गया था।
अब मलबा हटने पर तीन महीने के बाद यहां पर एक पार्क बनवाया जाएगा। इसके अलावा बच्चों के खेलने के लिए मैदान और मंदिर भी यहां बने, यह सोसाइटी के लोग भी चाहते हैं। जल्द ही इसको लेकर सोसाइटी के लोगों के बीच बैठक की जाएगी। अगर अब भी बिल्डर कुछ गलत करने का प्रयास करेगा तो वह सीधे तौर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को चुनौती देना जैसा होगा।
2 तिहाई लोगों की सहमति अनिवार्य: आपकों बता दें कि सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट का अभी तक हैंडओवर नहीं हुआ है। अभी मालिकाना हक बिल्डर का है। अगर बिल्डर किसी तरह का निर्माण करेगा तो उसके लिए 2 तिहाई सोसायटी के लोगों की सहमति अनिवार्य होगी। जबकि, आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी दावा कर रहे हैं कि सोसायटी वाले उनका समर्थन कर रहे हैं। इसके लिए वह कानूनी लड़ाई लड़ने को भी तैयार हैं। यहां मंदिर और पार्क बनाया जाएगा। ट्विन टावर 75 हजार वर्ग मीटर भूमि क्षेत्रफल में था।