नोएडा

सिविल सेवा में चयन ना होने से हताश थी युवती, 26 वीं मंजिल से कूदकर दी जान

Sakshi
9 March 2022 4:33 AM GMT
सिविल सेवा में चयन ना होने से हताश थी युवती, 26 वीं मंजिल से कूदकर दी जान
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सेक्टर 104 स्थित एटीएस वन हेमलेट सोसाइटी निवासी पूर्व महिला बैंक अधिकारी ने मंगलवार सुबह छह बजे 26वीं मंजिल से कूदकर जान दी।

नोएडा से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है, यहां सेक्टर 104 स्थित एटीएस वन हेमलेट सोसाइटी निवासी पूर्व महिला बैंक अधिकारी ने मंगलवार सुबह छह बजे 26वीं मंजिल से कूदकर जान दी। जांच में सामने आया है कि युवती पिछले दो साल से सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थी। इसमें असफल होने के बाद वह तनाव में थी।

इस मामले को लेकर एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि फतेहपुर के कल्याणपुर थानाक्षेत्र के गांव अलदौर निवासी राजेश सिंह मेरठ बिजली विभाग में सुपरिटेंडेंट के पद पर कार्यरत है। वह परिवार के साथ सेक्टर 104 स्थित एटीएस वन हेमलेट सोसाइटी की 26वीं मंजिल पर फ्लैट नंबर 9261 में रहते हैं।

बाथरूम की खिड़की शीशा तोड़कर नीचे कूदी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी 31 साल की बेटी निकिता सिंह सुबह छह बजे बाथरूम में गई थी। इसी बीच उसने बाथरूम की खिड़की का शीशा तोड़कर नीचे छलांग लगा दी। इससे मौके पर ही निकिता की मौत हो गई। उनके शरीर के कई हिस्से फट गए। सुरक्षाकर्मियों ने परिजनों को घटना की जानकारी दी।

विफल होने पर उठाया कदम :

निकिता के परिजनों ने पुलिस को बताया कि वह पिछले दो साल से सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थी। वह परीक्षा में दो बार विफल हो गई थी। इससे वह तनाव में रहती थी। इसके कारण उसने आत्महत्या का कदम उठाया।

बैंक पीओ की परीक्षा टॉप करके बनी थी अधिकारी

युवती ने दो साल पहले एसबीआई बैंक में सहायक मैनेजर के पद पर नौकरी ज्वाइन की थी। परिजनों का दावा है कि उसने बैंक पीओ की परीक्षा टॉप की थी। कुछ समय तक नौकरी करने के बाद नौकरी छोड़कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की थी।

विशेषज्ञ बोले, असफलता से घबराएं नहीं

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके बंसल ने कहा कि असफलता से लोगों को घबराना नहीं चाहिए। अगर किसी के साथ ऐसी दिक्कत आती है तो साथ रहने वालों को नियमित उनसे बातचीत और पसंदीदा कार्य करने को प्रेरित करना चाहिए। अवसाद में व्यक्ति सामान्य जिंदगी से अलग हो जाता है। ऐसी स्थिति होने पर परिवार, दोस्त आदि को उनकी परेशानी पूछनी चाहिए। उसका निदान करने का प्रयास होने चाहिए। वहीं जो व्यक्ति तनाव या अवसाद में है उसे भी अपनी परेशानी बतानी चाहिए।

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