नोएडा

बेमेल इश्क की वो कहानी जो लील गई पांच जिंदगानी, प्यार मिला न पैरोकार कारागार में मिली दुत्कार

Shiv Kumar Mishra
22 Aug 2022 4:42 PM IST
बेमेल इश्क की वो कहानी जो लील गई पांच जिंदगानी, प्यार मिला न पैरोकार कारागार में मिली दुत्कार
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प्यार अंधा होता है। प्यार में लोग जान दे भी देते हैं और ले भी लेते हैं। लेकिन बेमेल प्यार के लिए जन्म देने वाले माता-पिता समेत पांच की जान लेने की ये वारदात समाज को झकझोरने वाली थी। नवादा गांव निवासी परिवार के लिए 25 अगस्त 2016 की काली रात बेहद भयावह थी। बेमेल प्यार और दो बच्चों के पिता के संग जिंदगी बिताने के लिए प्रेमी मुगीश संग मिलकर प्रीति ने पिता राजे, मां धर्मवती, मामी प्रीति समेत पांच की जान ले ली। शुरूआत में हादसा प्रतीत हो रही वारदात का पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया। प्रीति और मुगीश को जेल भेजा गया। जेल में बंदियों से दोनों को दुत्कार मिली, अभद्रता की सूचनाएं मिलीं। सुरक्षा की दृष्टि से प्रीति को बुलंदशहर और मुगीश को गाजियाबाद जेल स्थानांतरित करना पड़ा। कोर्ट में मामला पहुंचा तो परिवार का पैराकार नहीं मिला। इसके चलते प्रीति को सरकार की ओर से मुहैया कराए गए अधिवक्ता इस केस की पैरवी कर रहे हैं।

25 अगस्त को प्रीति का परिवार मौलवी सलीमुद्दीन के कहने पर बदायूं स्थित दरगाह पर चादर चढ़ाने निकले थे। लेकिन रात को ऐसा क्या हुआ कि प्रीति के माता-पिता और मामी के शव अगले दिन एक के बाद एक बुलंदशहर की नरौरा नहर से निकाले गए। कार भी नहर से निकाल ली गई लेकिन प्रीति, मौलवी सलीमुद्दीन व चालक ओमपाल लापता थे। पहली नजर और शुरूआती पड़ताल में ये घटना एक हादसा लगी। अनुमान लगाया गया कि रात के अंधेरे में चालक को नींद की झपकी आई होगी और कार नहर में गिर गई होगी। सलीमुद्दीन, प्रीति और ओमपाल की लगातार नहर में तलाश की जा थी, तभी प्रीति के अन्य परिजन ने सलीमुद्दीन पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया। पुलिस ने इस मामले में परिजन की शिकायत पर सलीमुद्दीन पर हत्या समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू की। लेकिन जब मौलवी सलीमुद्दीन का शव जब नहर से निकाल लिया गया। तो सब हैरत में पड़ गए।

रिश्ता पक्का होने पर रची प्रीति और मुगीश ने साजिश

मूलरूप से मेरठ के किठौर निवासी मुगीश उर्फ शानू दो बच्चों का पिता है और वह नवादा में बाइक मैकेनिक का काम करता था। मुगीश और प्रीति के चार साल से पहचान और प्रेम संबंध थे। तत्कालीन एसपी देहात अभिषेक यादव ने खुलासा किया था। डेढ़ साल पहले परिजनों को दोनों के प्रेमप्रसंग की भनक भी लग गई थी औैर वह विरोध करने लगे थे। परिजनों ने प्रीति का रिश्ता तय कर दिया था। मगर वह मुगीश से ही शादी करना चाहती थी। प्रीति के परिजन अक्सर मौलवी सलीमुद्दीन के साथ बदायूं स्थित दरगाह पर जाते थे। वहां जाकर परिवार को नींद की गोलियां देकर पहले भी मुगीश और प्रीति मुलाकात करते थे। रिश्ता तय कर देने के कारण दोनों ने भागने की योजना बनाई।

मुगीश ने मुहैया कराई थी प्रीति को नींद की 30 गोली

प्रीति और उसके परिजन 25 अगस्त की शाम सात बजे तक चादर चढ़ाने में लगे रहे। मुगीश कार लेकर बदायूं पहुंचा और उसने मौका पाकर प्रीति को नींद की गोलियां मुहैया करा दीं। इसके बाद प्रीति ने कोल्ड ड्रिंक में नींद की 30 गोली मिला दीं। उसने पिता राजे, मां धर्मवती, भाई ललित, भाभी शीतल, मामा राजेंद्र, मामी प्रीति, मौलवी सलीमुद्दीन व चालक ओमपाल को पेय पदार्थ पिला दिया। इस बीच अपने भाई ललित को चादर चढ़ाने के लिए भेज दिया। ललित सबसे आखिर में चादर चढ़ाने गया और मजार पर जाकर बेहोश हो गया। ओमपाल की जेब से प्रीति ने कार की चाबी निकाल ली और मामा राजेंद्र को अपने भाई ललित का हाल जानने के लिए दरगाह पर भेज दिया।

नहर में कार को धकेलते स्थानीय लोगों ने देखा तो हुआ खुलासा

पांचों लोगों को बेहोशी की हालत में लेकर मुगीश ईको चलाकर नहर तक ले गया। पुलिस का दावा था कि मुगीश और प्रीति ने नहर किनारे इको को पटरी पर चढ़ाया और फिर दोनों ने पीछे खड़े होकर कार को नहर में धकेल दिया। इसके बाद नहर के पास जाकर उन्होंने कार की खिड़की भी खोली जिससे पानी जल्दी अंदर चला जाए। इस दौरान स्थानीय लोगों ने दोनों को देख लिया था और पुलिस को घटना की जानकारी दी थी। वहीं, मुगीश और प्रीति वारदात के बाद पहले होटल में रुके और फिर सुरक्षा मांगने हाईकोर्ट जाने वाले थे तभी पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।

कुल 32 गवाह, परिजन ने दी गवाही

ये घटना गौतम बुद्ध नगर ही नहीं देश भर में चर्चित हुई थी। न्यायालय में केस की सुनवाई चल रही है। परिवार के तीन लोगों की गवाही हो चुकी है। गवाही में प्रीति और मुगीश के खिलाफ बयान दिए गए हैं। पुलिस, चिकित्सक व प्रत्यक्षदर्शियों के बयान होने बाकी हैं। - श्याम सिंह, सहायक शासकीय अधिवक्ता

गौतम बुद्ध नगर जेल में अन्य बंदी प्रीति व मुगीश से अभद्रता करते थे। सुरक्षा की दृष्टि से दोनों का दूसरी जेलों में स्थानांतरण किया गया है। परिवार के लोगों ने प्रीति की पैरवी नहीं की। इसके चलते सरकार की ओर से मैं प्रीति की ओर से पैरवी कर रहा हूं। मुगीश भी मुझसे केस की पैरवी करने की गुजारिश कर चुका है।- किशनलाल पाराशर, प्रीति के अधिवक्ता

साभार अमर उजाला

Shiv Kumar Mishra

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