नोएडा

पुलिस कमिश्नर के चार्ज लेने से पहले ही मचा हड़कम्प,एसएसपी कार्यालय की फाइलों में लगी आग

Sujeet Kumar Gupta
15 Jan 2020 8:49 AM GMT
पुलिस कमिश्नर के चार्ज लेने से पहले ही मचा हड़कम्प,एसएसपी कार्यालय की फाइलों में लगी आग
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प्राथमिक छानबीन में जो कुछ सामने आया है, उसके मुताबिक ये सब पुरानी फाइलें थीं,जो इस्तेमाल में नहीं आनी थीं।

(धीरेन्द्र अवाना)

नोएडा।गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद उस वक्त हड़कंप मचा गया जब संदिग्ध हालात में एसएसपी कार्यालय की कई फाईल जलती हुयी पायी गयी।घटना की गंभीरता को देखते हुये एक उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।आपको बता दे कि मंगलवार सुबह जिले के पहले पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह कार्यभार ग्रहण करने इस कार्यालय में पहुंचने वाले थे।इसी वजह से परिसर में पुलिस की देखरेख में साफ-सफाई का काम चल रहा था। उसी वक्त किसी ने एसएसपी कार्यालय परिसर के एक कोने में आग में फाइलों के ढेर को जलते हुए देखा। फाइलों में आग लगने की खबर मिलते ही वहां मौजूद कर्मचारियों की भीड़ जुट गई।

सूचना पाकर जब तक मौके पर जिले के आला-पुलिस अफसर पहुंचे,फाइलों में लगी आग को बुझा दिया गया। मौके पर पहुंचे आला पुलिस अफसरों ने मौजूद कर्मचारियों से फाइलों और उनमें आग लगने के कारणों के बाबत पूछा तो कर्मचारियों को सांप सूंघ गया। बताया जा रहा है कि जो फाइलें आग में जलती हुई पाई गईं, उनमें से कई के ऊपर गैंगस्टर गुंडा एक्ट लिखा हुआ है।गौतमबुद्ध नगर के एसपी (ग्रामीण)रणविजय सिंह ने इस बारे में कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

प्राथमिक छानबीन में जो कुछ सामने आया है, उसके मुताबिक ये सब पुरानी फाइलें थीं,जो इस्तेमाल में नहीं आनी थीं। फिर भी अभी पुख्ता तौर पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी।घटना की जांच कराई जा रही है। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि पुलिस कमिश्नर के कार्यभार ग्रहण करने से एक दिन पहले इन फाइलों में आग लगना एक घटना है या सोची समझी साजिश। आपको बताते चले कि कुछ दिन पूर्व जिले के एसएसपी वैभव कृष्ण ने शासन को एक गोपनीय रिर्पोट भेजी थी जिसमें कई भष्ट अधिकारियों के नाम थे।लेकिन मामले में बड़े अधिकारियों व कुछ सफेदपोश नेताओं के नाम आने के बाद शासन ने गोपनीय रिर्पोट लीक करने का हवाला देते हुये एक तेजतर्रार व ईमानदार एसएसपी को सस्पेंड कर दिया।जिसके बाद सरकार की बहुत किरकरी हुयी।

आपको बता दे कि एसएसपी वैभव कृष्ण एकमात्र ऐसे अधिकारी है जिन्होंनें एक साल के कार्यकाल में अपने कार्य को निष्ठता से करते हुये 23 ऑपरेशन क्लीन चलाकर जनता को राहत दी,संगठित अपराधों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की,सेना में भर्ती कराने वाले गिरोह व कई बड़ी लूट का खुलासा,होम गार्ड घोटाला,संगठित अपराध करने वाले भाटी गैंग पर नकेल, डग्गामार बस माफियाओं पर कार्यवाही और अवैध शराब तस्करों पर नकेल कसने का कार्य किया।आपको ज्ञात होगा कि वैभव कृष्ण के आने से पहले जिले को आर्थिक अपराध,नोएडा ऑनलाइन अपराध ,साइबर अपराध व संगठित अपराध के गढ़ के रूप में जाना जाता है।

अपराध के इस गढ़ों को ढहाने के लिए जिस प्रकार से वैभव कृष्ण ने दिन रात एक कर के प्रयास किये व न सिर्फ अपने विभाग में छिपे कुछ अवांछित तत्वों को पकड़ा बल्कि मीडिया के नाम से व कभी सफेदपोश बन कर विभिन्न प्रकार के अपराध करने वाले कई लोगों को सलाखों के पीछे भेजा।अपराधियों ने एसएसपी को पहले प्रलोभन व बाद में दबाव से तोड़ने की कौशिश की गयी।लेकिन जब उसमें वो लोग कामयाबी नही हो पाये तो उन्होनें एक महिला को निशाना बनाकर एक फर्जी विडियो वाइरल की।जिसकी रिर्पोट आने के बाद भी लोगों को इस रिर्पोट की सत्यता पर भी संदेह है।लेकिन ये जरूर है जिला एक ईमानदार,कर्मठ व अपने कार्य में निष्ठा रखने अधिकारी से विहीन हो चुका है।

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